बिहार NDA में सीटों का फॉर्मूला तय, नीतीश की मौजूदगी में हो सकता है बड़ा एलान!
नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान की मांग का समर्थ किया है और वह शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा को गठबंधन धर्म निभाने की बात कहेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बड़ी लड़ाई में और भी बड़ी जीत का दावा कर रही भाजपा गठबंधन साथियों को एकजुट रखने की कवायद में जुट गई है। इस क्रम में गुरुवार को थोड़ी नाराज चल रही लोजपा को यह संदेश दे दिया गया कि उनकी अपेक्षाएं पूरी होंगी। बिहार में उन्हें लोकसभा की छह सीटें दी जाएंगी। हालांकि लोजपा की ओर से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी हिस्सेदारी की बात रखी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं।
इस बीच, रामविलास पासवान और चिराग पासवान ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से संसद भवन में उनके चैंबर में जाकर मुलाकात की है।
खबरों की मानें तो नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान की मांग का समर्थ किया है और वह शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा को गठबंधन धर्म निभाने की बात कहेंगे। साथ ही भाजपा को यह भी याद दिलाएंगे कि रामविलास पासवान को जो वादा किया गया था, उसे निभाया जाए। नीतीश कुमार भाजपा को यह एहसास कराएंगे कि रामविलास पासवान को खोने का मतलब होगा बिहार में एकतरफा लड़ाई और ऐसे में महागठबंधन मजबूत ही होगा।
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही रालोसपा ने राजग को अलविदा किया था और गुरुवार को महागठबंधन को हाथ थाम लिया। पिछले दो दिनों से लोजपा के सुर भी बदले हुए थे और परोक्ष रूप से यह संकेत भी दिया जा रहा था कि अब देर हुई तो उसकी राह खुली है। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से केंद्रीय मंत्रियों को लिखे गए पत्र भी इसका इजहार कर रहे थे कि वह सरकारी योजनाओं के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने मे भी नहीं चूकेंगे। ऐसी स्थिति में गुरुवार की शाम भाजपा भी हरकत में आई। बिहार के प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव ने पहले घर जाकर केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान और चिराग से मुलाकात की और फिर उन्हें साथ लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास पहुंचे।
सूत्रों का कहना है कि वहां सीटों की संख्या तय हो गई। भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर और लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस संख्या से लोजपा को भी एतराज नहीं है। पर सूत्रों की मानी जाए तो लोजपा एक राज्यसभा सीट भी चाहती है जिसपर तत्काल निर्णय नहीं लिया जा सका है, लेकिन इस पर आगे भी चर्चा का आश्वासन दिया गया है। पिछली बार लोजपा को सात सीटें मिली थीं। इसके अलावा कुछ सीटें बदलना भी चाहती है।
बताते हैं कि लोजपा नेतृत्व की ओर से यह बताया गया कि वह 2019 में और सक्रिय होकर राजग की जीत में जुड़ना चाहते हैं लेकिन उसके लिए यह जरूरी होगा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उन्हें भी हिस्सेदारी मिले ताकि दलितों तक संदेश भी जाए। भाजपा नेतृत्व की ओर से उन्हें भरोसा दिलाया गया कि सीटों को लेकर आखिरी बातचीत बहुत जल्द होगी। इस बीच संवाद जारी रहेगा।
माना जा रहा है कि दिल्ली मे ही जदयू, भाजपा और लोजपा के बीच भी एक बैठक होगी। कोशिश यह होगी कि संसद सत्र की समाप्ति के बाद सीट बंटवारा तय कर दिया जाए।