मोदी सरकार का बड़ा कदम, राज्यों से कहा-मिड-डे मील की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं
राज्यों के स्कूली शिक्षा सचिवों को लिखे पत्र में मंत्रालय ने साफ किया है कि एफसीआई से मिलने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता पर उठते सवालों के बीच केंद्र सरकार ने इस पूरी व्यवस्था को और पुख्ता बनाने की दिशा में मंथन शुरु कर दिया है। राज्यों के साथ जल्द ही इसे लेकर चर्चा की तैयारी है। फिलहाल सभी राज्यों से सुझाव देने को कहा गया है।
खाद्यान्न की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
राज्यों के स्कूली शिक्षा सचिवों को लिखे पत्र में मंत्रालय ने साफ किया है, कि एफसीआई से मिलने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए। उसकी गुणवत्ता को जांचने के बाद ही आंवटन लिया जाए। स्कूलों से भी मिलने वाले खाद्यान्न को परखने के लिए कहा गया है।
स्कूलों में खराब खाद्यान्न की सप्लाई
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह कदम कई राज्यों में स्कूलों में सप्लाई किए गए खराब खाद्यान्न की शिकायत मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है।
भोजन की गुणवत्ता पर सरकार सख्त
अगली कड़ी में राज्यों के साथ प्रस्तावित चर्चा में स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी कुछ सख्त कदम देखने को मिल सकते है।
प्रत्येक स्कूलों के लिए किचन गार्डेन रखना होगा जरूरी
बच्चों के खाने को पौष्टिक बनाने के साथ उनमें सामुदायिक वातावरण में ढालने के लिहाज से प्रत्येक सरकारी स्कूलों में किचन गार्डेन को अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि इसकी शुरुआत कुछ स्कूलों में प्रयोग के तौर पर की गई थी, लेकिन स्कूलों में इसे लेकर बढ़ती रुचि को देखते हुए अब इसे सभी स्कूलों के लिए जरूरी कर दिया गया है। मंत्रालय ने इसे लेकर एक गाइडलाइन भी तैयार की है। जिसमें स्कूलों को जगह की उपलब्धता के लिहाज से किचन गार्डेन तैयार करने के सुझाव दिए गए है।