पीएम मोदी की बड़ी घोषणा: 'आयुष्मान भारत' के मरीजों को घर के पास ही मिलेगी मुफ्त चिकित्सा
पीएम मोदी ने नीति आयोग को छोटे और मझोले शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस निजी अस्पतालों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार करने को कहा है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। आयुष्मान भारत के मरीजों को जल्द ही घर के पास पांच लाख रूपये सालाना तक अत्याधुनिक इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग को छोटे और मझोले शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस निजी अस्पतालों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति तैयार करने को कहा है। सरकार की कोशिश छोटे और मझोले शहरों में 100 बिस्तरों वाले 1000 नए अस्पताल खोलने की योजना है।
पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज
दरअसल आयुष्मान भारत योजना से देश की 55 करोड़ ऐसी आबादी को पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज का अवसर मिला है, जो अभी तक आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर थे। अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं तक इनकी पहुंच बढ़ने से देश में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस अस्पताल और बिस्तरों की संख्या कम पड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को निजी अस्पतालों के लिए नई नीति बनाने को कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग को ऐसी नीति बनाने का निर्देश दिया, जिससे देश के छोटे-छोटे शहरों में निजी अस्पताल खुल सकें। प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि इसके लिए जो भी कदम उठाने की जरुरत पड़े वो उठाएं और इसी साल दिसंबर तक नई नीति तैयार करने का काम पूरा करें।
निजी अस्पतालों के लिए नई नीति जल्द
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद नीति आयोग निजी अस्पतालों के लिए नई नीति बनाने में जुट गया है। इसके लिए छोटे और मझोले शहरों में निजी अस्पताल मालिकों से बातचीत का सिलसिला शुरू भी हो गया है।
छोटे शहरों में निजी अस्पताल खोलने की योजना
नीति आयोग यह जानने की कोशिश कर रहा है कि छोटे शहरों में निजी अस्पताल खोलने में क्या-क्या परेशानियां सामने आ रही हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। अभी तक सबसे बड़ी समस्या पैसे की कमी और कई विभागों से एनओसी लेने की समस्या सामने आ रही है। इसके लिए नीति आयोग छोटे व मझोले शहरों में अस्पताल खोलने के लिए सस्ता या कम ब्याज पर लोन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से नई नीति बनाने को कह सकता है।
आयुष्मान भारत के गरीबों का मुफ्त इलाज
अस्पतालों के सभी विभागों से जरूरी मान्यता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लाया जा सकता है। इसके साथ ही राज्य सरकारों को सस्ती दर पर जमीन और बिजली उपलब्ध कराने के लिए भी कहा जा सकता है। इन सारी सुविधाओं के साथ सिर्फ एक शर्त जुड़ी होगी कि ऐसे अस्पतालों से आयुष्मान भारत के गरीबों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना होगा।