छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पहली बार पानी में करेगी 23 फरवरी को कैबिनेट बैठक
मुख्यमंत्री पांच घंटे कोरबा में रहेंगे उसके बाद हेलीकॉप्टर से वापस जाएंगे। मंत्री व अफसर एक दिन पहले ही कोरबा पहुंच जाएंगे।
कोरबा, राज्य ब्यूरो। पहली बार ऐसा हो रहा है जब पानी के बीच कू्रज में भूपेश कैबिनेट की बैठक होगी। सतरेंगा से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडल व मंत्रालय के आला अफसरों के साथ कू्रज में सवार होंगे और यहां से टिहरीसरई या बुका की ओर जाएंगे। इस बीच बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री का उड़नखटोला 23 फरवरी को लेमरू में उतरेगा
23 फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उड़नखटोला लेमरू में उतरेगा। यहां हाथी अभयारण्य क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए सड़क मार्ग से सतरेंगा पहुंचेंगे। यहां समस्त मंत्री और अधिकारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप कू्रज में सवार होंगे।
तीन घंटे पानी के बीच रहकर भूपेश कैबिनेट की बैठक में होंगे कई निर्णय
डैम में कू्रज के लिए दो मार्ग पर विचार चल रहा है, जिसमें पहला टिहरीसरई, जो सतरेंगा से जलमार्ग पर करीब 40 किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे से अधिक का समय लगेगा। वापसी में बुका भी जाने की योजना बन सकती है। इस तरह कुल तीन घंटे पानी के बीच रहकर सरकार राज्य के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं को आकार देगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री पांच घंटे कोरबा में रहेंगे, उसके बाद हेलीकॉप्टर से वापस जाएंगे। मंत्री व अफसर एक दिन पहले ही कोरबा पहुंच जाएंगे।
टीएमटीडी न्यायिक जांच आयोग की अंतिम सुनवाई 10 फरवरी से
- 10 और 11 फरवरी को न्यायिक आयोग जगदलपुर में तालमेटला आगजनी कांड की अंतिम सुनवाई करेगा।
- अभी तक 283 गवाह बयान दर्ज करा चुके हैं। 55 गवाह बच गए हैं जिन्होने साफ कर दिया है कि हम गवाही नहीं देंगे। इस बार बयान दर्ज कराने आयोग ने समंस नहीं भेजा है। बताया जाता है कि बचाव पक्ष के वकीलों का जिरह सुनेगा आयोग।
- पुलिस, सीआरपीएफ और सरकारी वकील अपनी दलीलें आयोग के समक्ष रखेंगे।
- बता दें कि सुकमा जिले में मार्च 2011 को हुए ताड़मेटला आगजनी कांड को टीएमटीडी घटना नाम दिया गया है। इसमें आदिवासियों के घर जलाए गए थे। फोर्स पर आगजनी और मारपीट करने का आरोप है।
- जस्टिस टीपी शर्मा की अध्यक्षता में गठित आयोग का रहा है जांच। 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रहा है आयोग का कार्यकाल।