बघेल ने कहा- किसानों के मामले में छत्तीसगढ़ से सीख ले केंद्र सरकार, किसान लड़ रहे आम लोगों की लड़ाई
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को अपने निवास कार्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री बघेल ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने एमएसपी सहित राज्य में किसानों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के मामले में केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ से सीख लेने की सलाह दी है। केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए बघेल ने कहा कि किसान केवल अपने लिए नहीं, आम लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
राम वन गमन पथ पर बघेल ने कहा- हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते
राम वन गमन पथ के जरिये प्रदेश सरकार के राम के प्रति झुकाव को लेकर बघेल ने दो टूक कहा कि हम राम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति नहीं करते।
हथियार छोड़कर संविधान में आस्था व्यक्त करें तो करेंगे नक्सलियों से बात
नक्सवाल के मुद्दे पर बघेल ने कहा कि यदि नक्सली हथियार छोड़कर, संविधान में आस्था व्यक्त करें तो सरकार उनसे बातचीत कर सकती है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बघेल ने की चर्चा
प्रदेश में कांग्रेस सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को अपने निवास कार्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री बघेल ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने एमएसपी सहित राज्य में किसानों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि नीति को अपना लेना चाहिए। इससे किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा।
नक्सलवाद नहीं अब किसानों की चर्चा
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलवाद से थी। लोग इसे नक्सलगढ़ के प में जानते थे, लेकिन अब नक्सलवाद से ज्यादा किसानों के संदर्भ में छत्तीसगढ़ की चर्चा होती है। अब गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी न्याय योजना की चर्चा हो रही है। यहां किसानों को उनकी उपज का सबसे ज्यादा मूल्य मिल रहा है।
सरकार का काम केवल बंदूक चलाना नहीं
नक्सलवाद की नीति को लेकर पूछे गए सवाल पर बघेल ने कहा कि 15 साल तक नक्सलवाद को लेकर कोई नीति नहीं थी। केवल गोली का जवाब गोली से दिया जा रहा था। सरकार का काम केवल बंदूक चलाना नहीं है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों में विश्वास की कमी है। हम उसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार देने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे नक्सलवाद की तरफ न जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की तरफ से नक्सलियों से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है।
सभी विभागों ने अच्छा काम किया
मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग अच्छा काम कर रहे हैं। कोरोनाकाल के दौरान देश में सबसे अच्छा क्वारंटाइन सेंटर हमारा था। मनरेगा के तहत हमने सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया। तीन महीने का अनाज वितरण देश में हमने सबसे पहले शुरू किया। बाद में केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया। मध्याह्न भोजन और पढ़ाई तुहर दुआरी भी सबसे पहले हमने शुरू की।
छत्तीसगढ़ को पर्यटन मानचित्र पर क्यों नहीं आना चाहिए
राम वन गमन पथ के विकास को लेकर हुए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां पांच हजार साल पुरानी नाट्य शाला है। उसे क्यों नहीं पर्यटन के मानचित्र पर आना चाहिए? नालंदा के बाद सबसे बड़ा बौद्ध केंद्र हमारे यहां है तो उसकी जानकारी लोगों तक क्यों नहीं पहुंचनी चाहिए। हम राम वन गमन पथ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रहे हैं। इसमें कोई राजनीति नहीं है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावना है। हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं।
जंगल में लाएंगे फलदार पौधे
जंगल में फलदार पेड़-पौधे खत्म हो रहे हैं। यही वजह है कि वनांचल में रहने वाले लोग ही नहीं वन्यजीव भी बाहर निकल रहे हैं। अब तक की नीति जंगलों में इमारती पेड़- पौधे लगाने की रही है, लेकिन हमने तय किया है कि वन क्षेत्रों में अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाए जाएं। पूरा फलादान वृक्षों से भर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का 73 फीसद लघुवनोपज छत्तीसगढ़ से निकलता है। फलादार पेड़ लगेंगे तो वनवासियों की आय और बढ़ेगी।