Ayodhya Verdict: सुप्रीम फैसले पर बोली कांग्रेस- शक की गुंजाइश नहीं, अब बने राम मंदिर
अयोध्या पर सुप्रीम फैसले के बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित कर फैसले का सम्मान किया साथ ही सभी से संयम और भाईचारे की अपील भी की।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कहते हुए अयोध्या में राममंदिर निर्माण का समर्थन किया है। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस ने एलान किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद वह राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है। साथ ही पार्टी ने सभी पक्षों से संयम और भाईचारे बनाए रखने की अपील करते हुए इस फैसले का सम्मान करने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कार्यसमिति की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंत्रणा के बाद पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का खुलकर समर्थन किया। कार्यसमिति की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण पर पार्टी का रुख पूछे जाने पर कहा कि ' हां, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है और अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनना चाहिए कांग्रेस इसकी पक्षधर है।'
श्रेय किसी व्यक्ति समूह या दल का नहीं
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अयोध्या मंदिर का ताला खुलवाने के फैसले को देखते हुए क्या कांग्रेस मंदिर निर्माण का श्रेय लेगी? सुरजेवाला ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या विवाद का पटाक्षेप हो चुका है और इस मामले का श्रेय किसी व्यक्ति समूह या दल को देने का नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने आस्था और विश्वास का सम्मान किया है और उसके फैसले से राम मंदिर निर्माण के द्वार तो खुल ही गए हैं। साथ ही इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी और अन्य लोगों के लिए देश की आस्था के सहारे राजनीति करने के द्वार भी हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि राम वचन की मर्यादा के लिए त्याग का प्रतीक हैं भोग का नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान
कार्यसमिति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पारित प्रस्ताव को भी सुरजेवाला ने मीडिया से साझा किया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है। हम सभी संबंधित पक्षों और समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित सर्वधम संभाव, तथा भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें। हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान और एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें।' कार्यसमिति की यह बैठक पहले रविवार को होनी थी मगर अयोध्या पर फैसले की वजह से इससे शनिवार सुबह पौने दस बजे ही बुला ली गई।
फैसले की समीक्षा या अपील के पक्ष में नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं होने के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील के बयान पर कांग्रेस का रुख पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि यह सही है कि सभी को कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करने का अधिकार है। लेकिन जहां तक कांग्रेस का सवाल है हमने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। सुरजेवाला ने इस जवाब के जरिए यह साफ संकेत दे दिया कि कांग्रेस अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा या अपील के पक्ष में नहीं हैं।
कांग्रेस की सरकार ने अधिगृहीत की थी जमीन
वहीं, मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट निर्माण के फैसले के बारे में उनका कहना था कि कानूनविद अपने तरीके से चर्चा करेंगे मगर कांग्रेस का साफ मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय कर दिया है और अब सभी पक्षों, समुदायों और व्यक्तियों को इसका सम्मान करना चाहिए। इसमें शक की कोई गुंजाइश है ही नहीं। सुरजेवाला यहां यह याद दिलाना नहीं भूले कि मंदिर के लिए दी गई सारी जमीन 1993 में अयोध्या एक्ट के तहत कांग्रेस की सरकार ने ही अधिगृहीत की थी।