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Ayodhya Land Dispute Case: फिर बातचीत से विवाद सुलझाने की पेशकश, मध्‍यस्‍थता पैनल ने सीजेआई से की अपील

Ayodhya Land Dispute Case में नया मोड़ आ गया है। मध्‍यस्‍थता पैनल ने सीजेआई के समक्ष एकबार फ‍िर बातचीत से मामले का हल निकालने में भूमिका निभाने की पेशकश की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 04:45 PM (IST)
Ayodhya Land Dispute Case: फिर बातचीत से विवाद सुलझाने की पेशकश, मध्‍यस्‍थता पैनल ने सीजेआई से की अपील
Ayodhya Land Dispute Case: फिर बातचीत से विवाद सुलझाने की पेशकश, मध्‍यस्‍थता पैनल ने सीजेआई से की अपील

नई दिल्‍ली, माला दीक्षित। Ayodhya Land Dispute Case में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच मामले में रोचक मोड़ आ गया है। 23 दिन की सुनवाई बीतने के बाद अब 24वें दिन तीन सदस्‍यीय मध्‍यस्‍थता पैनल ने मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई के समक्ष एकबार फ‍िर से बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की पेशकश की है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एफ. एम. कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाले पैनल ने संविधान पीठ से इस बारे में निर्देश दिए जाने की गुजारिश की है। 

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दरअसल, दोनों तरफ (हिंदू और मुस्लिम) के प्रमुख पक्षों (सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़ा) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता पैनल को पत्र लिखकर कहा था कि वे कोर्ट के बाहर बातचीत से मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं। इसके बाद अब पैनल ने सुप्रीम कोर्ट से एकबार फिर अपील की है। बता दें कि अयोध्या के को बातचीत के जरिए सुलझाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल बनाया था। पैनल की ओर से 155 दिनों तक मसला सुलझाने की कोशिशें हुईं लेकिन कोई हल नहीं निकल सका था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने मामले की रोजाना सुनवाई शुरू करने का फैसला किया था। साथ ही पैनल को भंग कर दिया था।

वहीं दूसरी ओर सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट या उसके रिकॉर्डिंग की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रजिस्ट्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि सुनवाई की लाइव स्‍ट्रीमिंग की व्यवस्था में कितना वक्‍त लगेगा। शीर्ष अदालत से मामले की लाइव स्‍ट्रीमिंग कराए जाने की मांग को लेकर गोविन्दाचार्य की ओर से दाखिल की गई याचिका पर मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई की। उन्‍होंने कहा कि अब रजिस्ट्री की ओर से इस बारे में जवाब मिलने के बाद ही अदालत उक्‍त याचिका पर फैसला लेगी। 

हालांकि, मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्‍फ बोर्ड ने विरोध करते हुए कहा कि बीच में इसे नही शुरू किया जाना चाहिए।गोविन्दाचार्य की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि चूंकि यह देश का सबसे चर्चित मसला है और इसे संविधान पीठ सुन रही है, देश के लोग भी इसकी सुनवाई के बारे में जानना चाहते हैं, ऐसे में इसकी रिकॉर्डिंग कराई जानी चाहिए। याचिका के पक्ष में विकास सिंह दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को प्रधान न्यायाधीश की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को मुख्य न्यायाधीश ही सुनेंगे क्योंकि वही अयोध्या मामला सुन रहे हैं।

यह भी पढ़े- कोर्ट के बाहर सुलझ सकता है अयोध्या मामला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़ा मध्यस्थता को तैयार


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