Move to Jagran APP

Ayodhya Land Dispute Case: रामलला के वकील ने 'गजेटियर' का दिया हवाला, स्‍कंद पुराण का जिक्र

Ayodhya Land Dispute Case सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद मामले में आज छठें दिन सुनवाई जारी है। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने बहस में स्कंद पुराण का जिक्र किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 04:36 PM (IST)
Ayodhya Land Dispute Case: रामलला के वकील ने 'गजेटियर' का दिया हवाला, स्‍कंद पुराण का जिक्र
Ayodhya Land Dispute Case: रामलला के वकील ने 'गजेटियर' का दिया हवाला, स्‍कंद पुराण का जिक्र

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Ayodhya Land Dispute Case सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने आज छठे दिन भी अयोध्या जमीन विवाद पर सुनवाई की। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन (CS Vaidyanathan) ने अपना पक्ष रखते हुए ऐतिहासिक किताबों, विदेशी यात्रियों के यात्रा वृतांतों, वेद एवं स्कंद पुराण की दलीलें पेश कीं। उन्‍होंने कहा कि राम अयोध्या के राजा थे और उनका जन्म वहां हुआ था, इस पर कोई भ्रम नहीं है। स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा कि मान्‍यता है कि सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामजन्म भूमि के दर्शन का लाभ श्रद्धालु को मिलता है। 

loksabha election banner

वैद्यनाथन ने कहा कि अकबर (Akbar) और जहांगीर (Jahangir) के समय में भारत आने वालों में फ्रांस के यात्री विलियम फिंच (William Finch) और विलियम हॉकिन्स (William Hawkins) शामिल थे। उन्होंने अपने लेखों में अयोध्या का जिक्र किया है। उन्होंने वहां किसी मस्जिद की मौजूदगी की बात नहीं कही है। इसके अलावा विलियम फॉस्‍टर (Wiliiam Foster) की किताब 'अर्ली ट्रैवल्स इन इंडिया' (Early Travels in India) में सात अंग्रेज यात्रियों का जिक्र है, किताब में अयोध्या और राम मंदिर का वर्णन है। विदेशी यात्रियों और गैजेट्स से बिल्‍कुल साफ है कि वहां राम का जन्मस्थान था, वहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।

बता दें कि कल भी रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन की ओर से दलीलें रखी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कल साफ कर दिया था कि उसे इस मामले की सुनवाई में कोई जल्दी नहीं है। पक्षकार अपने हिसाब से समय लेकर अपना पक्ष रख सकते हैं। कोर्ट ने यह बात तब कही जब रामलला की ओर से हो रही बहस के दौरान बीच में उठकर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये साक्ष्य नहीं पेश कर रहे हैं। पूरा प्रकरण नहीं पेश करते बल्कि टुकड़ों में बता रहें हैं। 

राजीव धवन की आपत्ति पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यह उनका बहस करने का तरीका है जब आपका नंबर आए तब आप साक्ष्य दीजिएगा कोर्ट आपको सुनेगा। मुख्य न्यायाधीश ने धवन के तरीके पर एतराज जताते हुए कहा कि ऐसा कहने का क्या मतलब है। आप पहले दिन से ऐसा कर रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के हस्तक्षेप के बाद मुख्य न्यायाधीश ने साफ किया कि उन्हें मामला सुनने की कोई जल्दी नहीं है पक्षकार अपना समय ले सकते हैं। सीजेआई ने यह भी हिदायत दी कि वे आगे से सुनवाई में कोई दखलंदाजी नहीं चाहते।

वैद्यनाथन ने कहा कि हाईकोर्ट के दो जजों ने माना है कि वहां पहले मंदिर था, जिसे तोड़ कर मस्जिद बनाई गई थी। तीसरे जज एसयू खान ने कहा है कि वहां मंदिर के अवशेष थे जिन पर मस्जिद बनाई गई थी। इसका मतलब भी यही निकलता है कि वहां पहले मंदिर था। जन्मस्थान पर हिंदुओं के दावे के बारे में एएसआइ की रिपोर्ट, ढांचा ढहने के पहले की वीडियो फोटोग्राफी, शिलालेख, ऐतिहासिक साहित्य है। उन्होंने 1858 की पुलिस शिकायत का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि जहां मस्जिद है और एक निहंग वहां मंदिर बनाना चाहता है।

इससे पहले पीठ ने निर्मोही अखाड़ा से दस्तावेज से जुड़े सबूतों पर अपना अधिकार साबित करने के लिए कहा था। पीठ ने पूछा था कि क्या आपके पास कुर्की से पहले राम जन्मभूमि के कब्जे का मौखिक या लिखित सबूत रिकॉर्ड में है। इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि साल 1982 में एक डकैती हुई थी, इसमें रिकॉर्ड खो गए थे। बीते दिनों रामलला विराजमान की ओर से भी राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक का दावा पेश किया गया था। 

उस दौरान कहा गया कि लाखों भक्तों की अटूट आस्था और विश्वास यह साबित करने के लिए काफी है कि अयोध्या में यह स्थल भगवान राम का जन्मस्थान है। कोर्ट घोषित करे कि पूरी जन्मभूमि भगवान राम की है और भगवान रामलला को कब्जा दे दिया जाए। मामले में मध्यस्थता विफल होने के बाद  कोर्ट ने इस मामले को छह अगस्त से नियमित सुनवाई पर लगाने का आदेश देते वक्त ही कहा था कि मामले पर रोजाना सुनवाई की जाएगी और जबतक सभी पक्षों की बहस पूरी नहीं हो जाती सुनवाई जारी रहेगी। संवैधानिक पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.