...जब युवा अटल बिहारी वाजपेयी को नेहरू ने कहा, एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनोगे
अटल बिहारी वाजपेयी की वाकपटुता और भाषण कला का हर कोई कायल था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी भाषण कला की तरीफ की थी और कहा था कि एक दिन तुम प्रधानमंत्री बनोगे।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अटल बिहारी वाजपेयी की वाकपटुता और भाषण कला का हर कोई कायल था। यहां तक कि खुद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी भाषण कला की तरीफ की थी और कहा था कि एक दिन तुम प्रधानमंत्री बनोगे। प्रधानमंत्री नेहरू के साथ उनके दो किस्से बड़े मशहूर हैं।
पहला किस्साः देश में दूसरा लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेसी दिग्गजों को कड़ी टक्कर दी और यूपी की बलरामपुर सीट से लोकसभा पहुंचे। तब एक दिन प्रधानमंत्री नेहरू ने दिल्ली में ब्रिटिश नेता से अटल बिहारी की मुलाकात करवाई। इस दौरान नेहरू ने अटल का परिचय देते हुए कहा- इनसे मिलिए, यह युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। अटल बिहारी के भाषणों ने उन्हें कम उम्र में ही चर्चित कर दिया था। अटल बिहारी सरकार की नीतियों के विरोध में जोरदार तरीके से अपनी बात रखते थे। यूं तो नेहरू भी अच्छे वक्ता थे। लेकिन दोनों ही लोग राजनैतिक मतभेदों से इतर एक दूसरे का पूरा सम्मान करते थे। इसी पर आधारित है दूसरा किस्सा।
हुआ यूं कि एक बार संसद में एक बार प्रधानमंत्री पर विपक्षी जमकर निशाना साध रहे थे। अटल जी काफी देर तक ये देखते रहे और फिर गुस्से से अपनी सीट से उठे और पूछा कि क्या सिर्फ विपक्ष होने के नाते प्रधानमंत्री का विरोध करना जरूरी हो गया?. नेहरू ने भी वाजपेयी की इस जिंदादिली का खुलकर स्वागत किया और उन्हें साल 1961 में नेशनल इंटेग्रेशन काउंसिल में नियुक्ति दी।
नेहरू ही नहीं बाकी कांग्रेस नेताओं की भी करते थे तारीफ
ऐसा नहीं है कि अटल बिहारी वाजेपयी की दोस्ती नेहरू तक ही कायम थी। तमाम कांग्रेस नेताओं के साथ दोस्ती और जिंदादिली के उनके कई किस्से हैं। जिनमें से एक किस्सा एनडीए सरकार के दौरान का है। तब मुरली मनोहर जोशी और प्रणब मुखर्जी में संसद में किसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान जोरदार बहस हो गई। जिसके बाद बताया जाता है कि अटल बिहारी वाजपेयी उठे और मुखर्जी से कहा, "मैंने जोशी जी को कहा था कि अपने धार्मिक मसलों पर आप से पंगा न लें, वो नहीं जानते कि आपको इन मामलों पर गूढ ज्ञान है।'
अटल जी की इसी सच्चाई और सादगी ने सबको उनका दोस्त बनाए रखा। इतना ही नहीं साल 1994 में उन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड से भी नवाजा गया।