असम सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़े व्हाट्सएप मैसेज को बताया FAKE, कहा- लोग घबराएं नहीं
कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों कई झूठे मैसेज (FAKE Massage) भी फैलाए जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर लोगों में भय पैदा हो रहा है।
गुवाहाटी, एएनआइ। कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों कई झूठे मैसेज (FAKE Massage) भी फैलाए जा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर लोगों में भय पैदा हो रहा है। ऐसा ही एक व्हाट्सएप मैसेज असम को लेकर कई ग्रुप में शेयर हो रहा है। इस मैसेज में पूरे शहर में लॉकडाउन, घर से सिर्फ एक ही सदस्य को निकलने की इजाजत है और चावल के साथ हर परिवार को 1500 रुपये देने की बात कही जा रही है, लेकिन सरकार ने इस व्हाट्सएप मैसेज को बेबुनियाद बताया है।
असम के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस व्हाट्सएप मैसेज को झूठा बातते हुए कहा गया, 'हमने देखा है कि यह व्हाट्सएप संदेश प्रसारित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से निराधार है। अगर सरकार इस तरह का कोई निर्णय लेती है, तो हम सभी को बताएंगे। सभी से अनुरोध है कि COVID19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में ऐसे संदेश पढ़कर घबराएं नहीं।'
बता दें कि असम में अभी हालात एकदम सामान्य है। नॉर्थ ईस्ट के इस राज्य में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन कुछ आसामाजिक तत्व असम के लोगों में भय पैदा करने के लिए कुछ झूठे संदेश फैला रहे हैं। हालांकि, ऐसे मैसेज भेजना कानूनन अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। कुछ लोगों को इस दौरान पुलिस ने फेक न्यूज फैलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है।
इससे पहले असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने रविवार को ट्वीट करके भी जानकारी दी थी कि असम में कोरोना वायरस का कोई मामला नहीं है। उन्होंने लिखा- कोरोना वायरस के संदेह में जिस साढ़े चार साल की बच्ची की जोरहाट मेडिकल कॉलेज और आरएमआरसी डिब्रूगढ़ में जांच की गई थी, वह टेस्ट में निगेटिव पाई गई है यानि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। असम में कोरोना वायरस संक्रमण का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।'