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कोयले को लेकर भूपेश बघेल ने नहीं सुनी तो अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से की शिकायत, जानें क्‍या है मामला

राजस्थान छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद कोयले को लेकर खींचतान चरम पर पहुंच गई है। राजस्थान को केंद्र सरकार ने दो माह पहले छत्तीसगढ़ में पारसा कोल ब्‍लाक आवंटित कर दिया। लेकिन भूपेश बघेल कोल ब्लॉक में खनन के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 07:17 PM (IST)
कोयले को लेकर भूपेश बघेल ने नहीं सुनी तो अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से की शिकायत, जानें क्‍या है मामला
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

 नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद कोयले को लेकर खींचतान चरम पर पहुंच गई है। बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान को केंद्र सरकार ने दो माह पहले छत्तीसगढ़ में पारसा कोल ब्लॉक आवंटित कर दिया । लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोल ब्‍लाक में खनन के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं। कोयला नहीं मिलने के कारण राजस्थान में बिजली उत्पादन पर संकट उत्पन्न हो रहा है।

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गहलोत ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बघेल की शिकायत की

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने इस सम्बन्ध में दो बार बघेल से बात की। अधिकारियों के स्तर पर भी कई बार बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ तो अब गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। सोनिया को लिखे पत्र में गहलोत ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार कोल ब्‍लाक के खनन की मंजूरी नहीं दे रही है। इससे पहले गहलोत बघेल को भी पत्र लिख चुके हैं। सोमवार को अधिकारियों के स्तर पर वार्ता की गई है। राजस्थान के उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने समस्या के शीघ्र समाधान की उम्मीद जताते हुए कहा कि गहलोत हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।

केंद्र ने मंजूरी दी, लेकिन कांग्रेस सरकार रोक रही

केंद्र सरकार ने राजस्थान को 1136 हेक्टेयर की कोयला खदान आवंटित की थी। गहलोत ने काफी कोशिश कर दो नवम्बर को कोयला मंत्रालय से खनन के लिए मंजूरी जारी कराई थी। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी खनन की मंजूरी दे दी । लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और आधा दर्जन अधिकारी दिल्ली में केंद्र सरकार व छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों से खनन की मंजूरी के लिए मिले हैं। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला है।

केंद्रीय कोयला सचिव अनिल जैन और उर्जा सचिव आलोक कुमार से हस्तक्षेप का आग्रह किया गया है।राजस्थान के तत्कालीन उर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला केंद्र सरकार में तीन बार मिल चुके हैं। भाटी का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार का वन विभाग खनन की अनुमति नहीं दे रहा है। उल्लेखीय है कि परसा कोल ब्‍लाक से राजस्थान को प्रतिदिन तीन रैक कोयला मिलना है। प्रतिवर्ष पांच मिलियन टन कोयला निकाला जाना है। इस ब्लॉक में 150 मिलियन टन कोयले का भण्डार है।

आदिवासी बैंक साध रहे भूपेश बघेल

जानकारी के अनुसार राजस्थान को आवंटित कोल ब्‍लाक की जमीन छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र में आती है। उस क्षेत्र में आदिवासी रहते हैं। आद‍िवासी नेता और स्थानीय लोग यहां खनन की मंजूरी दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में आदिवासी वोट बैंक को देखते हुए बघेल मंजूरी देने से बच रहे हैं। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि एक ही पार्टी की दोनों राज्यों में सरकार है। कोयला नहीं मिलने से राजस्थान में बिजली संकट उत्पन्न रहा है। लेकिन बघेल वोट बैंक के लिए राजस्थान की जनता का अहित कर रहे हैं।


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