Move to Jagran APP

जानिए, विजय माल्‍या-अरुण जेटली की मुलाकात का सच, कांग्रेस क्‍यों फैला रही सनसनी

कांग्रेस के जेटली पर वार के बाद संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि माल्या की डूबत कंपनी किंगफिशर एयरलाइन को बचाने के लिए संप्रग सरकार ने स्वीट डील की थी।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:52 AM (IST)
जानिए, विजय माल्‍या-अरुण जेटली की मुलाकात का सच, कांग्रेस क्‍यों फैला रही सनसनी
जानिए, विजय माल्‍या-अरुण जेटली की मुलाकात का सच, कांग्रेस क्‍यों फैला रही सनसनी

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कांग्रेस और भाजपा के बीच कारोबारी विजय माल्‍या के बयान को लेकर आरोप-प्रत्‍यारोप का सिलसिला जारी है। लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात का दावा कर सनसनी फैलाने के उपरांत लंदन में रह रहे विजय माल्या ने जिस तरह यह माना कि यह तथाकथित मुलाकात संसद के गलियारे में अचानक हुई थी उसके बाद उस हल्ले-हंगामे का कोई मतलब नहीं रह जाता जो विपक्ष और खासकर कांग्रेस की ओर से मचाया जा रहा है। यह हास्यास्पद है कि वित्तमंत्री की ओर से यह स्पष्ट किए जाने के बाद भी उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है कि माल्या ने संसद परिसर में उनसे चलते-चलाते अनौपचारिक तौर पर अपनी बात कही थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संसद सदस्य होने के नाते कम से कम इस बात से तो भली तरह अवगत होना चाहिए कि किसी सांसद के लिए संसद परिसर में किसी मंत्री से अपनी बात कहना कितना आसान है।

loksabha election banner

जब यह स्पष्ट है कि बतौर सांसद विजय माल्या की वित्तमंत्री से कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई, तब फिर यह साबित करने की कोशिश से क्या हासिल होने वाला है कि मुलाकात तो हुई ही थी? यह अजीब है कि राहुल गांधी यह भी आरोप लगा रहे कि खुद प्रधानमंत्री ने विजय माल्या को देश से बाहर जाने दिया और वित्तमंत्री से इस सवाल का जवाब भी चाह रहे कि माल्या को सुरक्षित रास्ता देने का फैसला उनका अपना था या फिर उन्होंने ऊपर यानी पीएम के निर्देश पर ऐसा किया? क्या यह बेहतर नहीं होता कि वह पहले इसे लेकर सुनिश्चित हो जाते कि किस पर क्या आरोप लगाना है? उनकी ओर से यह बताया जाए तो और अच्छा कि वह विजय माल्या के पहले वाले बयान को सही मान रहे हैं, तो बाद वाले को किस आधार पर खारिज कर रहे हैं?

राहुल ने वित्तमंत्री से विजय माल्या की मुलाकात का गवाह जिस तरह पेश किया उससे तो यही लगता है कि इसका इंतजार हो रहा था कि कोई सनसनी फैलाए तो गवाह सामने लाया जाए। यह समझ आता है कि चुनावी माहौल के चलते राहुल इस या उस मसले को लेकर आरोप उछालने का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन विजय माल्या के बहाने सरकार को घेरने के पहले उन्हें यह पता कर लेना चाहिए था कि माल्या को अनुचित तरीके से भारी भरकम कर्ज देने का काम किसकी कृपा दृष्टि से हुआ? यदि मनमोहन सरकार के समय बैंक घाटे से घिरे माल्या के प्रति अतिरिक्त उदार नहीं होते तो शायद वह नौ हजार करोड़ रुपये की देनदारी से बचने के लिए लंदन नहीं भागे होते।

यह सही है कि माल्या के लंदन भाग जाने से सरकार की किरकिरी हुई, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि उनके खिलाफ शिकंजा कसने का काम भी इसी सरकार ने किया है। विजय माल्या की घेरेबंदी कर उन्हें केवल भारत लाने की ही कोशिश नहीं हो रही है, बल्कि उनसे बकाये कर्ज की वसूली के लिए भी हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल यह कहना कठिन है कि माल्या को कब तक भारत लाया जा सकेगा, लेकिन यह सबको पता है कि उन्हें नियमों के विरुद्ध कर्ज देने का काम कब हुआ।

कांग्रेस के जेटली पर वार के बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि माल्या की डूबत कंपनी किंगफिशर एयरलाइन को बचाने के लिए कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने 'स्वीट डील' की थी। ऐसा लगता है कि किंगफिशर का मालिक माल्या नहीं गांधी परिवार था। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेटली के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। इधर राहुल ने आरोप लगाया कि जेटली की अपराधी माल्या से सांठगांठ थी। उन्होंने फिर जेटली के इस्तीफे व मामले की जांच की मांग की।

भाजपा के कांग्रेस पर वार

- एक हवाला डीलर के इकबालिया बयान से पता चलता है कि कांग्रेस अध्यक्ष के एक फर्जी कंपनी से संबंध थे।

- किंगफिशर एयर लाइन व माल्या की राहुल गांधी समेत पूरा गांधी परिवार पर्दे के पीछे से मदद कर रहा था।

- समूचा गांधी परिवार-सोनिया, राहुल व प्रियंका हमेशा किंगफिशर में ही सफर करते थे।

- उनकी हवाई यात्रा बिजनेस क्लास में मुफ्त होती थी।

- किंगफिशर के लोन की पुनर्सरचना में सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले संप्रग की अहम भूमिका थी।

- रिजर्व बैंक व एसबीआई के दस्तावेजों से साफ है कि कैसे नियमों को ताक पर रखकर माल्या से 'स्वीट डील' की गई।

- कई बार ऐसा लगता था कि किंगफिशर को माल्या नहीं बल्कि छद्म रूप से गांधी परिवार चला रहा था।

- जो खुद भ्रष्टाचार के आरोपित होकर जमानत पर (राहुल नेशनल हेराल्ड केस में बेल पर हैं) हो वह दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगा सकता।

कांग्रेस का पलटवार

- वित्त मंत्री अपराधी से बात करते हैं। वह उन्हें भागने की योजना बताता है, लेकिन वित्त मंत्री ने न सीबीआई को बताया, न ईडी को और न पुलिस को। - माल्या के लिए जो अरेस्ट नोटिस था उसे इन्फॉर्मेशन नोटिस में किसने बदला?

- जेटली बताएं कि उन्होंने माल्या को क्यों भागने दिया?

- क्या प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें ऐसा आदेश मिला था?

- माल्या को भागने क्यों दिया गया? क्या उससे सांठगांठ थी?

- जेटली कांग्रेस सांसद पुनिया के दावे के अनुसार संसद के केंद्रीय कक्ष के 1 मार्च के सीसीटीवी फुटेज निकलवाएं।

- यह सांठगांठ का स्पष्ट केस है। जेटली व माल्या के बीच मुलाकात में माल्या के भागने की योजना पर चर्चा हुई।

- जेटली व केंद्र सरकार माल्या और राफेल के मामलों में झूठ बोल रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.