VIDEO: लोकसभा में इस नेता ने कांग्रेस पार्टी की कराई किरकिरी, सोनिया गांधी नाराज
सोनिया गांधी मंगलवार को कश्मीर पर अधीर रंजन चौधरी द्वारा लोकसभा में दिए गए भाषण है।अधीर रंजन ने कहा कि जम्मू कश्मीर का मसला संयुक्त राष्ट्र में लंबित है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस पार्टी राज्यसभा की तरह लोकसभा में भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 का विरोध कर रही है। इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि अधीर रंजन चौधरी से सोनिया गांधी नाराज हैं। सोनिया की नाराजगी का कारण मंगलवार को अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा में दिया गया भाषण है।
दरअसल अधीर रंजन ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला कैसे हो सकता है कि क्योंकि यह तो संयुक्त राष्ट्र में लंबित है। अधीर रंजन जब बयान दे रहे थे तो सोनिया उन्हें हैरानी से देख रही थीं।
जानकारी अनुसार अधीर रंजन चौधरी के इसी बयान सोनिया गांधी से नाराज हैं। उन्होंने साथ अधीर को पार्टी लाइन समझने की भी सलाह दी। सोनिया ने कहा कि चर्चा के दौरान सांसद मनीष तिवारी का लाइन ही पार्टी लाइन। उन्होंने सही तरीके से पार्टी का पक्ष रखा। अधीर के इस बयान से पार्टी की काफी किरकिरी भी हुई है।
अधीर रंजन अपने बयान पर कायम
हालांकि, सोनिया के नाराजगी के बाद भी अधीर रंजन अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा '1948 से कश्मीर संयुक्त राष्ट्र के निगरानी के अधिन है। तो, जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के मद्देनजर, हमारे देश की स्थिति क्या होनी चाहिए? कश्मीर हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंच के ध्यान में रहा है। यदि कश्मीर मुद्दा इतना आसान है, तो कल सरकार को विभिन्न देशों के दूतावासों को संबोधित क्यों किया? मैंने बस सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
#WATCH Adhir Ranjan Chowdhury, Congress: In this parliament in 1994, we adopted a resolution that Pakistan occupied Kashmir has to be restored. It has to be brought into the ambit of our country. Now once J&K has been bifurcated, what shall be the status of PoK? pic.twitter.com/AckFD8WmbH— ANI (@ANI) August 6, 2019
शाह ने अधीर रंजन चौधरी के बहाने कांग्रेस को घेरा
संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने अधीर रंजन को घेरते हुए उन्हें अपना बयान दोहराने को कहा। इसके बाद उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानती है? यह कांग्रेस का मत है कि संयुक्त राष्ट्र जम्मू कश्मीर की निगरानी कर सकता है। कांग्रेस इसपर अपना रूख साफ करे।
मनीष तिवारी का बयान
मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने जम्मू-कश्मीर का भारात में विलय कराया था। नेहरू इसे भारत का अभिन्न अंग बनाया। संविधान की अनुच्छेद 3 के अनुसार, किसी भी राज्य से छेड़छाड़ से पहले उस राज्य से परामर्श जरूरी है। अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा नहीं है और संसद से कहा जा रहा है कि खुद से राय-मशविरा कर लें।
मनीष ने आगे सवाल उठाते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर पर संसद कैसे खुद फैसला ले सकती है, जब वहां की विधानसभा भंग है। आज आप अनुच्छेद 370 समाप्त कर रहे हैं तो पूर्वोत्तर के राज्यों को क्या संदेश भेज रहे हैं।
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