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Article 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर पहुंचे डोभाल ने दिया 'All Is Well' का संदेश

आतंक के गढ़ शोपियां में सड़क पर आम लोगों के साथ खाया खाना। स्थानीय लोगों से जानी राय सुरक्षाबलों के साथ भी मिले।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 09:37 PM (IST)
Article 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर पहुंचे डोभाल ने दिया 'All Is Well' का संदेश
Article 370 को हटाए जाने के बाद कश्मीर पहुंचे डोभाल ने दिया 'All Is Well' का संदेश

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर को पुनर्गठित किए जाने के बाद कश्मीर घाटी में पैदा हालात पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल पैनी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने घाटी के विभिन्न इलाकों में दौरा कर सुरक्षाबलों से लेकर आम लोगों से मुलाकात की।

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इस दौरान कई जगहों पर लोगों ने उन्हें अपने घर पर चाय की दावत भी दी। आतंकियों का गढ़ कहलाने वाले दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उन्होंने सड़क पर लोगों के साथ खाना खाकर देश-दुनिया को संदेश दिया कि यहां सबकुछ सामान्य चल रहा है।

राज्य के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी हो गई है। एहतियातन गत रविवार रात से ही प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगा रखी है। सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं को पहले घाटी से निकाला जा चुका है। मंगलवार को श्रीनगर पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से हालात पर चर्चा की और पुलिस व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के आलाधिकारियों के साथ बैठक की थी।

बुधवार को उन्होंने श्रीनगर के विभिन्न इलाकों का जायजा लिया। कुछ जगहों पर खरीदारी कर रहे लोगों से कश्मीर के ताजा हालात और केंद्र सरकार के फैसले पर भी विचार विमर्श किया। इसके बाद राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के साथ दक्षिण कश्मीर के दौरे पर निकले।

उन्होंने अवंतीपोर, पुलवामा और शोपियां में पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों व अधिकारियों के साथ बैठक में कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया। डोभाल शोपियां में विभिन्न बाजारों में भी गए। वहां लोगों से बातचीत की। कुछ लोगों ने राज्य के पुनर्गठन के मुद्दे पर आशंकाएं जाहिर की, लेकिन डोभाल ने उनकी चिंताओं को दूर किया। इस दौरान कुछ लोगों ने उन्हें अपने घर में चाय की दावत भी दी।

डोभाल उनके घर तो नहीं गए, लेकिन बाजार में ही उनके साथ खाना खाया। उन्होंने लोगों को यकीन दिलाया कि राज्य के पुनर्गठन का फैसला स्थानीय लोगों की उम्मीदों और कश्मीर को ब्लैकमेल की राजनीति से आजाद कराने के लिए ही लिया गया है। वह दोपहर बाद श्रीनगर लौट आए।

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