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कांग्रेस में आशंका का माहौल, सभी के मन में सवाल, सिंधिया और पायलट के बाद अगला कौन?

मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) में बगावत के बाद कांग्रेस में आशंका का माहौल है। पार्टी में लगभग सभी इस सवाल से जूझ रहे हैं कि अगला कौन?

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:03 AM (IST)
कांग्रेस में आशंका का माहौल, सभी के मन में सवाल, सिंधिया और पायलट के बाद अगला कौन?
कांग्रेस में आशंका का माहौल, सभी के मन में सवाल, सिंधिया और पायलट के बाद अगला कौन?

नई दिल्ली, पीटीआइ। पहले मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और अब राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) की बगावत के बाद कांग्रेस में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और उनके नजदीकी समझे जाने वाले नेताओं पर सबका ध्यान केंद्रित है। राजस्थान के घटनाक्रम के बाद पार्टी में आशंका का माहौल है और लगभग सभी इस सवाल से जूझ रहे हैं कि 'अगला कौन?'

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कांग्रेस कार्यसमिति के एक सदस्य ने नाम नहीं दिये जाने का आग्रह करते हुए कहा, 'जाहिर है हम सोचने पर मजबूर हुए हैं कि जब ऐसे नेता, जिन्हें कम समय में काफी जिम्मेदारी दी गई और जिनकी प्रतिभा का उपयोग पार्टी अपनी भविष्य की रणनीति के लिए करने को लेकर आश्वस्त थी, वे भी अगर संतुष्ट नहीं हैं तो कहीं न कहीं गड़बड़ तो है।' सचिन पायलट व ज्योतिरादित्य सिंधिया बगावत का झंडा उठाने वाले उन नेताओं में नए हैं जिन्हें पार्टी में 'राहुल बिग्रेड' के सदस्य के तौर पर जाना जाता रहा है।

इस ब्रिगेड के अन्य नेताओं में पार्टी की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर, मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख मिलिंद देवड़ा एवं संजय निरुपम (Sanjay Nirupam), पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa), झारखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार और कर्नाटक इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव जैसे नाम शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी में राहुल ब्रिगेड को ज्यादा अहमियत मिलने से नाराजगी बढ़ी है। इनमें से अधिकांश नेता उन्हें सौंपी गई जिम्मदारी पर खरे नहीं उतरे और पार्टी में गुटबाजी को प्रोत्साहित करते रहे। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, 'जो नेता कांग्रेस में बहुत कुछ पाने के बाद आज पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं वे अपने साथ धोखा कर रहे हैं। सभी को यह समझना चाहिए कि इस वक्त पार्टी से मांगने का नहीं, बल्कि पार्टी को देने का समय है।'


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