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Andhra Pradesh Politics: चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की होगी CBI जांच

Andhra Pradesh Politics मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल की उपसमिति की इस सिफारिश को मंजूरी दे दी गई।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 08:09 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 08:09 AM (IST)
Andhra Pradesh Politics: चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की होगी CBI जांच
Andhra Pradesh Politics: चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की होगी CBI जांच

अमरावती, प्रेट्र। आंध्र प्रदेश सरकार ने चंद्रबाबू नायडू सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच को मंजूरी दे दी है। आरोप है कि चंद्रबाबू सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कारण सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल की उपसमिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी गई।

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वित्त मंत्री बुग्गाना राजेंद्रनाथ की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की उपसमिति ने चंद्रन्ना तोहफा, चंद्रन्ना क्रिसमस गिफ्ट, चंद्रन्ना संक्रांति कनुका और एपी फाइबरनेट प्रोजेक्ट जैसी योजनाओं की प्रारंभिक जांच की और अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पेरनी वेंकटारमैया ने बताया कि उपसमिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दी और सीबीआइ से विस्तृत जांच कराने का फैसला लिया। एक मंत्री ने दावा किया कि पूर्व सरकार की विभिन्न उत्सवी गिफ्ट योजना में 150 करोड़ रुपये बहाए गए।

आंध्र प्रदेश चुनाव आयुक्त मामला

आंध्र प्रदेश चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कम करने के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसे लेकर वाइएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू का बयान आया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने राज्य चुनाव आयुक्त मामले में फैसला नहीं दिया है, सिर्फ राज्य सरकार के पक्ष में रहने से इनकार कर दिया है।

बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत ने उत्तरदाताओं से काउंटर फाइल करने के लिए कहा है, और सुनवाई का पालन होगा। अंबाती बाबू ने कहा कि सुबह से मीडिया का एक वर्ग ऐसी खबरें चला रहा है कि कोर्ट का आदेश एन रमेश कुमार के पक्ष में है और राज्य सरकार के खिलाफ। वहीं कोर्ट ने सुनवाई अगले 4 हफ्तों के लिए स्थगित कर दी है और अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगी। उन्होंने आगे कहा कि प्रो-टीडीपी मीडिया द्वारा ऐसे प्रचार शुरू कर दिया गया है जैसे फैसला आ चुका है और वो सरकार के खिलाफ है। 


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