कोरोना से जंग : पारंपरिक उपाय भी आजमाएगी आंध्र प्रदेश सरकार, करेगी 'आरोग्य भारत यज्ञ'
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तरह तरह के उपाय आजमाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने अब वैदिक रीति-रिवाज के अनुरूप यज्ञ का आयोजन करने का फैसला किया है।
अमरावती, आइएएनएस। कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों के तहत आंध्र प्रदेश सरकार ने पारंपरिक उपायों पर भी भरोसा जताया है। धर्मार्थ विभाग ने राज्य के कम से कम 20 प्राचीन मंदिरों में भौमाश्विनी दिवस के अवसर पर मंगलवार को वैदिक रीति-रिवाज और परंपरा के अनुरूप यज्ञ का आयोजन करने का निर्देश दिया है। टीटीडी सदस्य के. वैद्यनाथन की मांग पर विचार करते हुए धर्मार्थ विभाग ने यह निर्देश जारी किया है।
निर्देश में धर्मार्थ विभाग के विशेष आयुक्त ने कहा है, 'वैद्यनाथन ने भौमाश्विनी ग्रह योग दिवस पर आरोग्य भारत यज्ञ करवाने की मांग की थी। संयोग से भौमाश्विनी दिवस मंगलवार को पड़ रहा है। इस अवसर पर राज्य के कई प्राचीन मंदिरों में वैदिक रीति-रिवाज व परंपरा के अनुसार यज्ञ-हवन आदि का आयोजन किया जाएगा।' यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
10 जून को जारी आदेश के अनुसार, 'आज की तारीख में मानव के सामने कोविड-19 सबसे बड़ी समस्या है। हर महत्वपूर्ण अवसर पर यज्ञ व हवन हमारी परंपरा का हिस्सा रहे हैं। हम व्याधियों पर जीत के लिए भी ऐसा करते हैं।' 'आरोग्य भारत यज्ञ योजना' के तहत राज्य के करीब 20 प्राचीन मंदिरों में अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। इनमें श्रीशैलम, सिंहाचलम, मंगलगिरि, अन्नवरम और अरसवल्ली प्रमुख हैं।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में रविवार को एक दिन में सर्वाधिक 294 मामले सामने आए जिसके साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,152 हो गई है। इनमें से 4,841 मामले स्थानीय लोगों में जबकि 1,107 अन्य राज्यों से आए लोगों में पाए गए हैं। विदेश से आए 204 लोगों भी संक्रमण पाया गया है। बीते 10 दिनों में संक्रमण के 2,040 मामले सामने आए है। राज्य में अभी तक 5,52,202 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। संक्रमण से कुरनूल और पूर्व गोदावरी जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसके साथ संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 84 हो गई है।