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Pulwama Terror Attack: और आक्रामक हुई पाक को घेरने की कूटनीतिक मुहिम

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को परोक्ष तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की धमकी के बाद भारत की कूटनीति भी बेहद तेज हो गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:21 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: और आक्रामक हुई पाक को घेरने की कूटनीतिक मुहिम
Pulwama Terror Attack: और आक्रामक हुई पाक को घेरने की कूटनीतिक मुहिम

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को परोक्ष तौर पर पीम नरेंद्र मोदी की धमकी के बाद भारत की कूटनीति भी बेहद तेज हो गई है। एक तरफ भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंक और पुलवामा हमले को लेकर शुक्रवार को अमेरिका, फ्रांस, जापान समेत 25 देशों के राजनयिकों से संपर्क साधा और उनके समक्ष जैश ए मोहम्मद व पाकिस्तान के गहरे रिश्ते पर पक्के सबूत पेश किये।

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अलग से अमेरिका में अपने समकक्ष जॉन बोल्टन से भी बात की है। शुरुआती चुप्पी के बाद चीन ने भी पुलवामा हमले की कड़ी निंदा की है और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख कर मृतकों के प्रति अपनी संवेदना जताई है।

शुक्रवार को सुबह सुरक्षा पर कैबिनेट (सीसीएस) की बैठक में यह फैसला किया गया था कि पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग थलग करने की मुहिम चलाई जाएगी। वैसे भारत इस तरह की मुहिम पठानकोट व उड़ी हमले के बाद भी चलाया था और इसका परिणाम भी दिखाई दिया था।

शुक्रवार को सीसीएस की बैठक के तुरंत बाद विदेश सचिव ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल मेहमूद को तलब किया और कश्मीर में आतंकवादियों को पाकिस्तान की तरफ से दी जा रही मदद पर गहरी नाराजगी जताई। इसके कुछ ही देर बाद इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी बुला लिया गया है ताकि पाकिस्तान के हालात पर चर्चा हो सके।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के स्थाई पांच देशों के प्रतिनिधियों के अलावा जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, दक्षिण एशिया व खाड़ी क्षेत्र के 25 देशों के नई दिल्ली स्थिति प्रतिनिधियों से मुलाकात की गई है। ये मुलाकातें विदेश सचिव विजय गोखले के नेतृत्व में की गई।

विदेशी दूतावासों की तरफ से उनके राजदूत या उच्चायुक्त उपस्थित हुए। सभी देशों ने यह स्वीकार किया है कि आतंकी संगठन जैश को पाकिस्तान का मदद मिल रहा है। भारत ने कहा है कि वह चाहता है कि पाकिस्तान जैश समेत अन्य सभी आतंकी संगठनों को हर तरह का समर्थन देना पूरी तरह से बंद करे।

भारतीय विदेश मंत्रालय की इस कठोर प्रतिक्रिया को जानकार भारत के भावी कदम से भी जोड़ कर देख रहे हैं। भारत चाहता है कि कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान पर कुछ दबाव बने और वह अपने यहां पल रहे आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे। वैसे भी किसी बड़ी कार्रवाई से पहले सबका विश्वास लेना कूटनीतिक रूप से अहम होता है।

भारत को इस बात पर संतोष है कि पुलवामा हमले के बाद तमाम देशों ने उसके पक्ष को समझा है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया है और कहा है कि वहां पनाह पाये सभी आतंकी संगठनों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगी जो पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़का रहे हैं।

अमेरिका ने भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ संबंधों को और प्रगाढ़ करने की भी बात कही है। पाकिस्तान का बेहद करीबी सहयोगी देश सउदी अरब ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। इजरायल के पीएम कार्यालय ने भी हमले की निंदा की है। सबसे देर पर प्रतिक्रिया जताने में पाकिस्तान का सबसे करीबी देश चीन ही है।


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