प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई में अनंत कुमार की पहल, अब मेज पर कांच के ग्लास
सर्वदलीय बैठक से शुरुआत करते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने प्लास्टिक के खिलाफ सराहनीय शुरुआत की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्लास्टिक कूड़े के खिलाफ लड़ाई में साथ देते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
अनंत कुमार ने हैशटैग ‘चेंज’ के साथ ट्वीट किया कि बदलाव मुझसे शुरू होना चाहिए। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सर्वदलीय बैठकों, एनडीए मीटिंग और संसदीय एक्जीक्यूटिव मीटिंग में इस्तेमाल होने वाले पानी की प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगाई जाए।
बता दें कि भारत में हर दिन लगभग 15,000 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इसमें से ज्यादातर कचरा गड्ढों और नालियों में डाल दिया जाता है जिससे उचित रीसाइक्लिंग सुविधा के अभाव में नहर और नदियों का बहाव अवरुद्ध होता है।
कैग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे ट्रैक पर लगभग 6,289 टन प्लास्टिक कूड़ा निकाला जाता है। अब मशीन में डाली गई प्लास्टिक की बोतल के आयतन के अनुसार मशीन स्वत: शुरू होकर बंद हो जाएगी। मशीन के अंदर डाली गई बोतल के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाएंगे।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कई राज्यों ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश भी कुछ प्रकार के प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर इस सूची में शामिल हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्य विभिन्न तरह के प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध की घोषणा कर चुके हैं।