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अमित शाह बोले ; पांच सालों में पूरी तरह खत्म होगा आतंकवाद, नक्सलवाद व अलगाववाद

खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित एक समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आइबी ने आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति सुनिश्चित करने में हमेशा अहम भूमिका निभाई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 09:44 PM (IST)
अमित शाह बोले ; पांच सालों में पूरी तरह खत्म होगा आतंकवाद, नक्सलवाद व अलगाववाद
अमित शाह बोले ; पांच सालों में पूरी तरह खत्म होगा आतंकवाद, नक्सलवाद व अलगाववाद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि अगले पांच साल में देश से आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर भारत में चल रहे अलगाववाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में खुफिया ब्यूरो (IB) के योगदान की प्रसंशा करते हुए उसे देश के खुफिया तंत्र का 'ब्रेन' बताया। लेकिन साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एजेंसियों को समन्वय के साथ काम करने की जरूरत भी बताई।

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आइबी ने निभाई अहम भूमिका

खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित एक समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आइबी ने आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ 'जीरो टालरेंस' की नीति सुनिश्चित करने में हमेशा अहम भूमिका निभाई है। इस सिलसिले में उन्होंने मानव व हथियार तस्करी, सीमा पार से घुसपैठ, नकली भारतीय नोट, हवाला लेन-देन, ड्रग तस्करी और साइबर खतरे जैसे एक-दूसरे से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए इनसे निपटने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए साइबर सुरक्षा जैसे विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञों की सहायता ली जानी चाहिए।

खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत

विभिन्न सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत पर बल देते हुए अमित शाह ने कहा कि खुफिया सूचनाओं का बारीक विश्लेषण कर राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से तत्काल और समयबद्ध तरीके से निपटने की रणनीति पर काम करना होगा।

शाह ने बताया कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के दौरान आने वाले सालों में सुरक्षा एजेंसियों को नई तरह की सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, जिसमें जमीन व समुद्री सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। शाह ने कहा कि आइबी को अपने अधिकारियों को इन नई चुनौतियों से निपटने के लिए नए व प्रभावी तरीके इजाद करने के लिए प्रोत्साहित करने चाहिए।


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