दिल्ली हिंसा पर राज्य सभा में गृहमंत्री अमित शाह बोले, पाताल से ढूंढकर भी दोषियों को दिलाएंगे सजा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली हिंसा के मसले पर राज्य सभा में कहा कि हिंसा के दोषियों को ऐसी सजा दिलाएंगे कि दंगा करने की सोचने वालों को कानून का खौफ सताएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। दंगाई किसी भी जाति, धर्म और पार्टी का हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जोर देकर कहा, 'पाताल से ढूंढकर उन्हें कानून के समक्ष खड़ा करेंगे। अदालत की कानूनी प्रक्रिया से उन्हें दंडित किया जाएगा ताकि उनकी जेहन में कानूनी प्रक्रिया और संविधान का भय बना रहे।' साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि इस दंगे के पीछे साजिश थी और उसका जल्द ही पर्दाफाश करेंगे।
किसी के साथ कोई पक्षमात नहीं होगा
लोकसभा के बाद राज्यसभा में दिल्ली दंगे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने मुस्लिमों के मन में किसी आशंका को खारिज भी किया और दंगे को राजनीतिक रंग दे रहे दलों पर हमला भी किया। उन्होंने कहा देश में अब तक हुए दंगों में 76 फीसद लोग कांग्रेस के शासनकाल में मारे गए हैं। वहीं दोहराया कि दिल्ली हिंसा की जांच में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा।
मुस्लिमों में डर बैठाया गया
नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों की गिरफ्तारी के बाबत पूछे सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि सीएए आने के बाद अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिमों में एक तरह का डर बैठा दिया गया। अफवाहें फैलाने का दौर चल रहा था। उन्होंने पूछा कि सीएए से भला कहां किसकी नागरिकता जा रही है। विपक्षी दलों पर हमलावर होते हुए शाह ने कहा कि रामलीला मैदान में 'आरपार की बात उठी, नहीं निकले तो कायर कहलाएंगे..। 17 फरवरी को एक युवा अमरावती में बोला, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे के वक्त रोड पर आ जाइए। 23 फरवरी को नार्थ ईस्ट दिल्ली में सात-आठ जगहों पर धरना लगा और फिर सीएए का विरोध सांप्रदायिक दंगे में तब्दील हो गया।'
दंगाइयों को खोज-खोजकर जेल भेजेंगे
एक जज के ट्रांसफर पर उठे विवाद पर गृह मंत्री ने हैरानी जताने के अंदाज में कहा कि इसमें सरकार की भूमिका केवल ट्रांसफर ऑर्डर निकालने भर की होती है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम इसकी सिफारिश करता है। लेकिन सिर्फ एक जज न्याय करेगा, बाकी जज ऐसा नहीं करेंगे। क्या दूसरे जज पर भरोसा नहीं है। शाह बोलने के पूरे रौ में थे। उन्होंने कहा, 'हेट स्पीच, दंगाइयों को पैसा भेजने के लिए 23 तारीख को अकाउंट खोलने और 25 फरवरी को बंद करने, ट्रंप के समक्ष ताकत दिखाने और सीमित समय में दंगा भड़काने जैसी हरकत देखने के बावजूद कुछ लोग सदन में उत्तेजित होकर सवाल पूछते हैं। दंगा कराना हमारी फितरत नहीं, दंगाइयों को खोज-खोजकर जेल भेजेंगे।'
संस्थानों पर हमले की अलग जांच
दिल्ली दंगों के दौरान हत्या और अस्पताल, शिक्षण संस्थानों व धार्मिक स्थलों पर किए गए हमलों की जांच के लिए तीन विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित किए गए हैं। इनका नेतृत्व डीआइजी और आइजी स्तर का पुलिस अधिकारी करेगा। इसमें 50 ऐसे घटनाओं को चिन्हित किया गया है।
दिल्ली दंगे की जांच के कुछ आंकड़े
- 40 से अधिक विशेष दल गठित किए गए हैं जो केवल फोन खंगालकर गिरफ्तारी कर रहे हैं।
- 49 वारदातें देसी असलहों से हुई हैं, जिनमें 52 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
- 125 देसी असलहे जब्त किए जा चुके हैं।
- पुलिस के जवान अंकित शर्मा और रतनलाल के हत्यारोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
निजता का उल्लंघन नहीं
चर्चा के दौरान विपक्ष ने निजता का भी सवाल उठाया तो आक्रामक शाह ने कहा, फेस आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया में आधार का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसकी जगह ड्राइविंग लाइसेंस को लिया गया है। 25 कंप्यूटरों से भारी संख्या में पहुंचे वीडियो क्लिपिंग को जांचा परखा जा रहा है। शाह ने कहा कि किसी की जान चली गई और इसमें किस निजता की बात करते हैं। ऐसे दंगाइयों को तो कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए। अब तक 1922 लोगों को उनके चेहरे के आधार पर पहचान कर चिन्हित कर लिया गया है। इनमें 336 उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। ऐसे लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर पहचाना गया है।