गुवाहाटी में बोले गृह मंत्री अमित शाह- सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने में एकजुट होंगे सभी लोग
देश स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है। इस मौके पर असम में स्थित गुवाहाटी पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने भी नेताजी को नमन किया। मुझे उम्मीद है कि हम सब पीएम मोदी के सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाने के निर्णय में हिस्सा लेंगे।
गुवाहाटी, एएनआइ। आज यानी 23 जनवरी को देश स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है। इस मौके पर असम में स्थित गुवाहाटी पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने भी नेताजी को नमन किया। पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू के अंदर असीम साहस और अनूठी संकल्प शक्ति का अनंत प्रवाह विद्यमान था। उनके अद्भुत व्यक्तित्व और ओजस्वी वाणी ने लोगों के हृदय में स्वतंत्रता का ज्वार उत्पन्न किया। उनका जीवन देश के युवाओं के लिए एक आदर्श है।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah pays floral tribute to Netaji Subhash Chandra Bose on his 125th birth anniversary in Guwahati pic.twitter.com/nlMOIylHnD
— ANI (@ANI) January 23, 2021
इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम सब पीएम मोदी के सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के निर्णय में भाग लेंगे और विशेष रूप से नेताजी के जीवन के बारे में बच्चों और युवाओं को शिक्षित करेंगे। लाखों बच्चे नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेते हैं और देश के विकास में योगदान देते हैं।
इस खास मौके पर आज गुवाहाटी में अमित शाह ने सभी अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए 'आयुष्मान सीएपीएफ' योजना शुरू की। यह योजना के जरिए अस्पतालों में कैशलेस और पेपरलेस चिकित्सा उपचार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके साथ ही यह योजना देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है।
उधर, आज नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने जाया जा रहा है। आजाद हिंद फौज के संस्थापक रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य नेताओं ने नमन किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करके कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वें जयंती वर्ष के समारोहों के शुभारंभ के अवसर पर उनको सादर नमन। उनके अदम्य साहस और वीरता के सम्मान में पूरा राष्ट्र उनकी जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मना रहा है। नेताजी ने अपने अनगिनत अनुयायियों में राष्ट्रवाद की भावना का संचार किया।