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अमित शाह ने किया SSB मुख्यालय का दौरा, नेपाल और भूटान सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा की

गृह मंत्री अमित शाह को SSB के संगठनात्मक ढांचे तैनाती सामरिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य पहलुओं और चिंताओं के बारे में जानकारी दी गई।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 07:26 PM (IST)
अमित शाह ने किया SSB मुख्यालय का दौरा, नेपाल और भूटान सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा की
अमित शाह ने किया SSB मुख्यालय का दौरा, नेपाल और भूटान सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा की

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने मंगलवार को सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal) मुख्यालय का दौरा किया और नेपाल व भूटान सीमा पर उसकी सामरिक तैयारियों की समीक्षा की।

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गृह मंत्री के एसएसबी मुख्यालय पहुंचने पर उन्हें पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ गृह सचिव अजय भल्ला के अलावा उनके मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे। इस दौरान शाह को एसएसबी के संगठनात्मक ढांचे, तैनाती, सामरिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य पहलुओं और चिंताओं के बारे में जानकारी दी गई। गृह मंत्री का पद संभालने के बाद शाह का यह एसएसबी के आरके पुरम स्थित मुख्यालय का पहला दौरा है। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के मुख्यालयों का भी दौरा किया था।

अधिकारियों ने बताया कि महानिदेशक कुमार राजेश चंद्र के नेतृत्व में एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने शाह को बल की नेपाल से लगती 1,751 किमी और भूटान से लगती 699 किमी लंबी सीमा पर तैनाती के बारे में जानकारी और प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही उन्हें एसएसबी द्वारा हाल ही में खरीदे गए एसयूवी वाहनों, हथियारों और गोला-बारूद के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि एसएसबी दोनों सीमाओं पर आपराधिक तत्वों पर प्रभावी रूप से लगाम लगाए, साथ ही तीनों देशों के वास्तविक यात्रियों को सीमाओं से आवागमन में सुगमता भी हो। उन्होंने बल को सीमाओं की सुरक्षा में तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल करने का निर्देश भी दिया।

मालूम हो कि एसएसबी का गठन 1962 में चीनी आक्रमण के बाद किया गया था। इसका पहला काम नेपाल और भूटान से लगती सीमाओं की रक्षा करना है। इसके अलावा इसका उपयोग नक्सल विरोधी अभियानों समेत देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में भी किया जाता है।


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