गुवाहाटी में रुके महाराष्ट्र विधायकों पर हिमंत ने कहा- सभी पर्यटकों का असम में है स्वागत, यहां आती 'लक्ष्मी' को बंगाल में न बुलाएं ममता दीदी
गुवाहाटी में रुके महाराष्ट्र शिवसैनिक के बागी विधायकों को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा पर सवाल उठ रहे हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में सभी पर्यटकों का स्वागत है महाराष्ट्र की राजनीति से उनका कोई लेना देना नहीं है।
गुवाहाटी, प्रेट्र। 'सभी पर्यटकों का असम में स्वागत है...' ऐसा कहते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विवाद से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक हलचल से उनका कोई लेना देना नहीं है। बता दें कि गुवाहाटी में रुके शिवसेना के बागी विधायकों को लेकर इस वक्त असम सरकार कठघरे में है। हिमंत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर वो कुछ नहीं कर सकते हैं।
असम आती लक्ष्मी को बंगाल बुलाना चाहती हैं ममता दीदी
मुख्यमंत्री ने कहा पर्यटन को बढ़ाने के लिए हमने इतना अधिक खर्च किया तो क्या अब मुझे इसपर रोक लगा देनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से महाराष्ट्र विधायकों को दिए गए आमंत्रण पर हिमंत ने निशाना साधा और कहा कि असम आती लक्ष्मी को ममता बनर्जी लेना चाह रहीं हैं। उन्होंने कहा, 'असम और बंगाल के बीच पर्यटन को लेकर हमेशा से ही कंपटीशन रहा है। ममता दी मेरे यहां आती लक्ष्मी को ले जाना चाहती हैं। यदि वे बंगाल जाते हैं तो बंगाल को जीएसटी मिलेगा।'
महाराष्ट्र पर कुछ भी बोलने से मुकर गए हिमंत
महाराष्ट्र में इस वक्त उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार संकट में है क्योंकि पार्टी के 38 विधायक बागी हो गए हैं और इन सबने गुवाहाटी के होटल में ठिकाना लिया हुआ है। 'कुछ लोग असम आए होटल बुक किया। मैं उनके लिए खुश हूं। आप भी आएं, इससे असम की इकोनामी में मदद मिलेगी। इसके जरिए असम के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।' NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के बाद हिमंत ने यह बयान दिया। महाराष्ट्र की राजनीति में जारी हलचल को लेकर हिमंत ने कहा कि वे इसपर बयान नहीं दे सकते क्योंकि यह बड़ा राज्य है। उन्होंने कहा, 'मैं महाराष्ट्र पर कैसे बयान दे सकता हूं। यह बड़ा राज्य है। लोग इसे पर्यटन स्थल के तौर पर प्राथमिकता दे रहे हैं, इस बात की खुशी है।'
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई जा रही सहायता
भाजपा अगुवाई वाली उनकी सरकार कथित तौर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों पर ध्यान नहीं दे रही है और महाराष्ट्र के विधायकों की मेजबानी में व्यस्त हैं। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो असम के कुछ हिस्सों में बाढ़ के कारण राजधानी में होटलोंं को बंद करने का आदेश नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि इन लोगों की मानसिकता क्या है। क्या राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ के कारण गुवाहाटी के होटलों को बंद कर देना चाहिए। हम बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचा रहे हैं। मैं गुवाहाटी के होटलों को कैसे बंद कर सकते हैं। यदि कल आप दस दिनों के लिए गुवाहाटी में आकर रुकने का प्लान बनाते हैं तो बतौर मुख्यमंत्री क्या मुझे मना कर देना चाहिए।