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सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र सरकार का बयान, शिवसेना को दी गई विपक्ष में बैठने की जगह

संसद के शीतकालीन सत्र के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की ओर से बुलाई गई सर्व दलीय बैठक (all party meeting) में विभिन्‍न पार्टियों के दिग्‍गज नेता पहुंचे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 10:45 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 03:12 PM (IST)
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र सरकार का बयान, शिवसेना को दी गई विपक्ष में बैठने की जगह
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र सरकार का बयान, शिवसेना को दी गई विपक्ष में बैठने की जगह

नई दिल्‍ली, एएनआइ। All Party Meeting All Party Meeting सोमवार से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की ओर से रविवार को सर्व दलीय बैठक (all party meeting) बुलाई गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत विभिन्‍न दलों के नेताओं ने शिरकत की। इसमें संसद की कार्यवाही सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के मसले पर बातचीत हुई। 

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बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि एनडीए की बैठक में शिवसेना नहीं आ रही है। उसके मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। वह कांग्रेस के साथ काम का रही है। उसने विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। इसे देखते हुए हमने राज्‍यसभा और लोकसभा में उसे विपक्ष की सीट अलॉट की है। 

कल शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें विपक्षी पार्टियों के नेता पहुंचे थे। विपक्ष के नेताओं ने साफ कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सरकार के विधायी एजेंडे के नाम रहा था। ऐसे में इस दूसरे सत्र में जनता से जुड़े अहम सवालों को उठाने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए। इससे साफ हो गया है कि संसद का शीत सत्र में सियासत की गरमी भी नजर आएगी। विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्‍यक्ष से मुद्दों पर बहस के लिए अधिक समय दिए जाने की भी मांग रखी है। 

शीत सत्र में दिलचस्प यह रहेगा कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद भाजपा से अलग हुई शिवसेना अब विपक्षी खेमे में नजर आएगी। कल हुई स्पीकर की सर्वदलीय बैठक में अंतिम कुछ मिनटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा अध्‍यक्ष से कहा कि बिल पेश करने से पहले परिपाटी के हिसाब से कम से कम दो से तीन दिन पहले सरकार जानकारी दे ताकि उन्‍हें तैयारी करने का मौका मि‍ल सके। इस बार विपक्ष अचानक सदन में बिल लाकर अध्ययन का मौका दिए बिना पारित कराने का रवैया स्वीकार नहीं करेगा।


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