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कांग्रेस की बैठक में नेताओं की मांग, राहुल एकबार फिर से संभालें पार्टी की कमान, जानें RG ने क्‍या दिया जवाब

कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अंदुरूनी कलह के बीच पार्टी के नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं अन्‍य पदाधिकारी मौजूद रहे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 08:33 PM (IST)
कांग्रेस की बैठक में नेताओं की मांग, राहुल एकबार फिर से संभालें पार्टी की कमान, जानें RG ने क्‍या दिया जवाब
कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अंदुरूनी कलह के बीच नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अंदुरूनी कलह के बीच नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं अन्‍य पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मौजूद नेताओं ने अपनी बातें रखी। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में मौजूद सभी नेता चाहते थे कि राहुल गांधी दोबारा पार्टी की कमान संभालें। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि इस मसले को पार्टी की चुनावी प्रक्रिया पर छोड़ दिया जाना चाहिए।  

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चुनाव पर छोड़ेें अध्‍यक्ष पर फैसला  

सूत्रों ने बताया कि बैठक में पार्टी के लगभग सभी नेताओं ने राहुल से गुजारिश की कि वह एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालें। इस पर राहुल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष को चुने जाने का फैसला चुनाव प्रक्रिया पर छोड़ देना चाहिए। सूत्रों की मानें तो राहुल को कमान सौंपे जानें की वकालत करने वाले नेताओं में कई ऐसे वरिष्ठ नेता भी शामिल थे जिन्होंने सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग करते हुए बीते दिनों एक पत्र लिखा था। 

चिंतन शिविर आयोजित करेगी कांग्रेस 

रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बैठक में राहुल वरिष्‍ठ नेताओं के आग्रह पर सहमत दिखे। उन्‍होंने कहा कि मैं पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं की बात का सम्‍मान करता हूं। अध्यक्ष के बारे फैसला चुनाव पर ही छोड़ा जाना उचित होगा। वहीं सोनिया गांधी का कहना था कि मौजूदा वक्‍त में सभी नेताओं को एक साथ मिलकर चलने और संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी आने वाले दिनों में संगठन से लेकर तमाम मसलों पर चिंतन शिविर आयोजित करेगी। 

सरकार को घेरने पर होगी चर्चा 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस चिंतन शिविर में सरकार को घेरने के मसले पर भी चर्चा होगी। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में हुई चर्चा काफी सकारात्मक रही। सोनिया गांधी का कहना था कि कांग्रेस एक बड़ा परिवार है जिसको और मजबूत करने की दरकार है। राहुल गांधी ने भी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। 

ये नेता हुए बैठक में शामिल 

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने संवाददाताओं को बताया कि आगे ऐसी बैठकें आयोजित की जाएंगी। चिंतन शिविर शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर आयोजित होगा। पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जो भी मुद्दे सामने आए हैं सभी पर विचार किया जाएगा। यह बैठक सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई जिसमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हुए। एके एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, पी चिदंबरम, कमलनाथ और हरीश रावत भी मौजूद रहे। 

कमलनाथ ने निभाई अहम भूमिका 

सूत्रों की मानें तो पार्टी में नेतृत्‍व के मसले पर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की भी सोनिया गांधी के साथ मुलाकात हुई। बताया जाता है कि इस मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ ने अहम भूमिका निभाई थी। सनद रहे कि हाल ही में कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मालूम हो कि कल शुक्रवार को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कांग्रेस के 99.99 फीसदी नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी को फिर से पार्टी का नेतृत्व सौंपने को तैयार हैं। 

पार्टी की कार्यशैली पर उठे थे सवाल

उल्‍लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव और उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल समेत पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। अगस्त महीने में भी गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी व्यापक संगठनात्मक बदलाव किए जाने और पूर्णकालिक अध्‍यक्ष चुनने की मांग की थी। इसके बाद गांधी परिवार के विश्‍वासपात्र नेताओं ने आजाद, शर्मा और सिब्बल जैसे नेताओं की आलोचना की थी। 


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