बाहुबली अनंत के बहाने सामने आयी तेजप्रताप और तेजस्वी की दरार, बढ़ा सियासी पारा
लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप पहले पत्नी से तलाक और अब पारिवारिक विवाद से सुर्खियों में हैं। अनंत सिंह को लेकर हाल में दोनों भाईयों का विवाद खुलकर सामने आया है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पहले पत्नी ऐश्वर्या से तलाक को लेकर परिवार की खिलाफत और अब राजनीतिक गलियारों में सक्रियता। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की ये गतिविधियां बता रही हैं कि परिवार और पार्टी में ‘ऑल इज नॉट वेल’ का दौर चल रहा है। अब बिहार के बाहुबली नेता अनंत के बहाने लालू के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव में विवाद खुलकर सामने आ चुका है।
मालूम हो कि बिहार में मोकामा के निर्दलीय बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि लालू यादव सबसे बड़े जनाधार वाले नेता हैं। उन्होंने लालू यादव को सबसे पसंदीदा नेता बताते हुए कहा था कि बिहार में नीतिश का जादू खत्म हो रहा है। इसके बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अनंत सिंह के बयान का समर्थन करते हुए अपने पिता की तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि अनंत देव के लिए पार्टी के दरवाजे खोलने का इशारा किया था। इसके बाद अनंत देव ने बिहार में होने वाले महागठबंधन में मुंगेर सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी।
इसके अगले दिन शुक्रवार को ही बिहार में नेता प्रतिपक्ष लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने साफ-साफ कह दिया कि अनंत सिंह जैसे बैड एलिमेंट्स के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि अनंत सिंह महागठबंधन की विचारधारा के नहीं है और ऐसे लगे भले ही हमारी तारीफ करें तो भी उनके लिए पार्टी और महागठबंधन के दरवाजे हमेशा बंद रहेंगे।
तेजस्वी यादव के इस बयान से एक तरफ जहां अनंत सिंह के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ लालू परिवार में दोनों भाईयों और पार्टी के भीतर चल रही कलह भी खुलकर सामने आ गई है। खास बात ये है कि तेजप्रताप की राजनीति में बढ़ती सक्रियता को कुछ बड़े नेताओं का साथ मिलता दिख रहा है। पार्टी में भी उनकी भूमिका को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।
तलाक को लेकर भी अकेले पड़ चुके हैं तेजप्रताप
लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव पहले भी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक को लेकर अकेले पड़ चुके हैं। उनके तलाक के इस फैसले को लेकर परिवार में कोई भी सहमत नहीं है। लिहाजा, तेजप्रताप पूरे परिवार से नाराज हैं। कुछ समय पहले वह परिवार से नाराज होकर काशी-वृंदावन चले गए थे। परिवार के काफी प्रयास के बावजूद उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। तलाक की अर्जी पर सुनवाई के दिन वह बिहार वापस लौटे, लेकिन होटल में और दोस्तों के साथ रुके। उनकी पत्नी ऐश्वर्या, अपनी सास राबड़ी देवी के साथ रह रही हैं। इससे नराज होकर तेज प्रताप घर नहीं जा रहे। उन्होंने पूर्व में राज्य सरकार से अलग बंगला अलॉट करने की मांग की थी। उनकी मांग पर सरकार ने उन्हें अलग बंगला अलॉट कर दिया है।
लालू के अंदाज में लगाया जनता दरबार
राजनीतिक तौर पर पार्टी और परिवार में हाशिए पर चल रहे तेजप्रताप ने अचानक राजद में सक्रियता बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले वह अचानक पटना के राजद कार्यालय जा पहुंचे और पार्टी सुप्रीमो लालू यादव की कुर्सी पर जा बैठे थे। इसके बाद उन्होंने पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर जनता चाहेगी तो वह पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। इसके बाद वह लालू यादव के अंदाज में लगातार जनता दरबार लगा रहे हैं। लालू के अंदाज में ही वह लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनका निस्तारण करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि उन्हें पार्टी के ही नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है।
राजनीतिक जगह तलाश रहे तेजप्रताप
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि परिवारिक विवाद में झूल रहे तेजप्रताप इन दिनों अपनी राजनीतिक जगह तलाशने में जुटे हुए हैं। इसलिए वह पार्टी पर पकड़ बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वह खुद को राजनीतिक तौर पर तेजस्वी से ऊपर और बड़ा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि तेजप्रताप कई बार बयान दे चुके हैं कि वह कृष्ण की तरह अपने अर्जुन (तेजस्वी) के साथ हैं। तेजप्रताप, छोटे भाई तेजस्वी को अपना नेता व भावी मुख्यमंत्री मानते हुए यह चेतावनी भी दे चुके हैं कि पार्टी के लोग अगर गलत करेंगे तो उन्हें बाहर किया जाएगा। ये उनकी राजनीतिक छटपटाहट दर्शाता है।
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