दिल्ली में नीतीश कुमार,राजग पर रखेंगे अपने मन की बात
जदयू की ओर से भाजपा को यह संदेश दे दिया गया है कि बिहार विधानसभा में ताकत के लिहाज से सीटों का बंटवारा होना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच जदयू भाजपा पर और दबाव बढ़ाता दिखेगा। नेतृत्व की ओर से यह स्पष्ट किया जाएगा कि पार्टीे ने राजग में आने का फैसला जरूर किया, लेकिन न तो सम्मान के साथ समझौता होगा और न ही राज्य के लिए विशेष दर्जा के एजेंडे के साथ। रविवार को जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जहां पार्टी अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण पर नजरें होंगी। वहीं माना जा रहा है कि परोक्ष रूप से भाजपा को यह संकेत भी दिया जाएगा कि बिहार में नीतीश ही चेहरा हैं। दूसरे राज्यों में संगठन विस्तार को लेकर भी कवायद तेज होगी। गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बिहार के दौरे पर जा रहे हैं।
जाहिर है कि गठबंधन को लेकर हो रही बयानबाजी और खींचतान को साधने की कोशिशें होगी। उससे पहले जदयू कार्यकारिणी का महत्व बढ़ गया है। शनिवार को दिल्ली के बिहार भवन में नीतीश की मौजूदगी में पदाधिकारियों की बैठक हुई। राजग में सीटों को लेकर होने वाली मशक्कत का भी जिक्र हुआ। यह माना गया कि जदयू को अपने कद और सम्मान के हिसाब से सीटें मिलनी चाहिए।
बैठक से पहले पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा- 'हम राजग में हैं, लेकिन सीटों को लेकर जितनी जल्दी और समरसता के साथ फैसला हो जाए उतना अच्छा है।' उन्होंने आगे कहा- 'हम विशेष राज्य के दर्जे के लिए संघर्ष करते रहेंगे।'
सूत्रों की मानें तो जदयू की ओर से भाजपा को यह संदेश दे दिया गया है कि बिहार विधानसभा में ताकत के लिहाज से सीटों का बंटवारा होना चाहिए। बैठक से भी यही संदेश दिया जाएगा। अगर उसमें बड़ी अड़चन आती है तो विधानसभा में उसकी भरपाई होनी चाहिए और उसका खाका अभी तैयार होना चाहिए और सबकी सहमति से होनी चाहिए।
सूत्रों की मानें तो जदयू में एक घटक साथ चुनाव करवाने के पक्ष में है ताकि भविष्य में कोई संकट न खड़ा हो। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव में भी जदयू अपने उम्मीदवार उतारेगा। अगर भाजपा इन राज्यों में जदयू को साथ लेता है तो बिहार में थोड़ी राहत मिलेगी। संभव है कि विशेष राज्य दर्जे के लिए भी बैठक में प्रस्ताव आएगा। वैसे नजरें नीतीश के भाषण पर होगी।
दरअसल यह पहला मौका होगा जब गठबंधन को लेकर चल रहे विवाद के बाद नीतीश विस्तार से बात करेंगे। राजद पर जहां पलटवार करेंगे वहीं भाजपा के साथ औपचारिक वार्ता से पहले गठबंधन के रसायन पर अपना विचार रखेंगे। समाज में समरसता की बात भी की जाएगी।