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अन्नाद्रमुक ने भी तरेरी आंख, कहा- तमिलनाडु में तो वही है बड़ा भाई, भाजपा को सरकार में शामिल नहीं करने की रखी शर्त

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने अपनी पहली चुनावी रैली में भाजपा को तेवर दिखाते हुए बता दिया है कि अगले साल चुनाव बाद यदि वह सत्ता पर कायम रहती है तो वह भाजपा को सरकार में शामिल नहीं करेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 01:17 AM (IST)
अन्नाद्रमुक ने भी तरेरी आंख, कहा- तमिलनाडु में तो वही है बड़ा भाई, भाजपा को सरकार में शामिल नहीं करने की रखी शर्त
अन्नाद्रमुक ने अपनी पहली चुनावी रैली में अपने सहयोगी दल भाजपा पर आंखें तरेरी हैं...

चेन्नई, पीटीआइ। अन्नाद्रमुक ने अपनी पहली चुनावी रैली में अपने सहयोगी दल भाजपा को पूरे तेवर दिखाते हुए बता दिया है कि वह तमिलनाडु में उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। साथ ही राज्य में सत्तारूढ़ दल ने यह भी जता दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यदि अन्नाद्रमुक सत्ता पर कायम रहती है तो वह भाजपा को सरकार में कतई शामिल नहीं करेगी। अन्नाद्रमुक ने अपने सम्मेलन में यह साफ कर दिया है कि भाजपा को चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी का सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रचार करना होगा।

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...तभी करें गठबंधन पर विचार

अन्नाद्रमुक ने यह भी कहा कि यदि भाजपा सरकार में शामिल नहीं होने जैसी शर्तों पर सहमत है तभी वह गठबंधन पर विचार करे। अगर ऐसा नहीं हो सकता तो भाजपा को 2021 के चुनावों के विकल्पों पर पुनर्विचार करना चाहिए। अन्नाद्रमुक की प्रमुख नेता जे. जयललिता और द्रमुक नेता एम. करुणानिधि जैसे वरिष्ठ नेताओं के निधन की ओर संकेत करते हुए अन्नाद्रमुक के उप संयोजक केपी मनुसामी ने कहा कि ऐसे नेताओं की गैरमौजूदगी में बहुत से राजनीतिक दल तमिलनाडु की राजनीति में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

सरकार ने बेहतरीन प्रदर्शन किया

अन्नाद्रमुक उप संयोजक ने कहा कि द्रविड़ संगठन पर कुछ राष्ट्रीय दल, अवसरवादी, धोखेबाज और भीड़ पिछले 50 सालों में राज्य को बर्बाद करने का आरोप लगा रहे हैं। अन्नाद्रमुक सरकार पर अक्षम होने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है जबकि केंद्र सरकार ने कई क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार दिए हैं। इसके अलावा, राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य समेत हर क्षेत्र में बेहतरीन बुनियादी ढांचा और सुविधाएं मौजूद हैं।

तमिलनाडु नहीं करेगा ऐसी ताकतों को स्‍वीकार

मनुसामी ने कहा कि वह ताकतें जो तमिलनाडु में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए नजर गड़ाए बैठीं है, उन्हें समझना होगा कि तमिलनाडु उन्हें कभी भी द्रविड़ विचारधारा के तौर पर स्वीकार नहीं करेगा। चूंकि यह राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे का आधार है।

...इसलिए है हमारा शासन

मनुसामी ने कहा कि तमिलनाडु की सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि द्रविड आंदोलन से फलीभूत हुई है। इसका आधार तमिल संस्कृति, भाषा और साहस है। इसीलिए यह राज्य बाकी देश से एकदम अलग है। उन्होंने कहा कि आधी सदी से राष्ट्रीय पार्टियों का दखल राज्य में उसकी अलग खूबियों और द्रविड़ आंदोलन के कारण बंद हो गया है। इसीलिए वर्ष 1967 से अन्नाद्रमुक और द्रमुक का तमिलनाडु में शासन है। 


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