अपनी किताब को लेकर मोंटेक सिंह अहलूवालिया बोले, सनसनी के अलावा भी है बहुत कुछ
मध्य प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर अहलूवालिया ने कहा कि राज्य के पास वित्तीय संसाधन सीमित होते हैं और अधिकार भी ऐसे में इनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए।
भोपाल, जेएनएन। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के वक्त केंद्रीय योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि उनकी किताब 'बैकस्टेज : द स्टोरी बिहाइंड इंडिया हाई ग्रोथ ईयर्स' में सनसनी के अलावा भी बहुत कुछ है।
किताब में पर्दाफाश किया गया है कि 2013 में राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने की घटना से वह (पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह) आहत थे और इस्तीफा भी देना चाहते थे। सिंह ने कहा कि किताब में देश के कई महत्वपूर्ण मामलों की चर्चा है।
राज्य के पास वित्तीय संसाधन होते हैं सीमित
मध्य प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य के पास वित्तीय संसाधन सीमित होते हैं और अधिकार भी, ऐसे में इनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बुलावे पर 'वैकल्पिक वित्त व्यवस्था' विषय पर मार्गदर्शन देने मंगलवार को भोपाल आए सिंह ने दैनिक जागरण के सहयोग अखबार नईदुनिया से विशेष बात की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आप लोग सनसनी निकाल लेते हैं और बड़ा भाग छोड़ देते हैं। किताब में बहुत कुछ है। वित्त से जुड़े ज्यादातर अधिकार तो केंद्र के पास हैं राज्य क्या कर सकते हैं? के सवाल पर कहा कि बात सही है कि केंद्र के पास ज्यादा वित्तीय अधिकार हैं, लेकिन कुछ मामलों में राज्यों को स्वतंत्रता भी है। राज्यों को इनके मुताबिक ही प्लानिंग करनी चाहिए।