कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले, पीएम मोदी की छवि कोई भी धूमिल करेगा तो सरकार जवाब देने को तैयार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में आयोजित किसान सम्मेलन में कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। आप जैसे किसान नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कृषि कानूनों को लेकर फैलाई जा रहीं भ्रांतियों को ग्वालियर में बुधवार को आयोजित किसान सम्मेलन में दूर किया। किसानों से खचाखच भरे फूलबाग मैदान में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने का प्रयास करेगा तो सरकार जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि जब तक कानूनों में बदलाव नहीं होगा, जंजीरें नहीं टूटेंगी और तब तक किसानों को लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा नेता पवित्र है। सरकार की नीयत पवित्र है, इसीलिए पिछले दिनों हमने किसानों के प्रहरियों को किसान मानकर बात की थी, जबकि कई लोगों ने कहा था कि ये अमुक-अमुक लोग हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ आप जैसे किसान नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए। मैं आप सब का स्वागत और अभिनंदन करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी ने नोटबंदी के लागू किया तो कांग्रेस ने कहा कि इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जब जीएसटी को लागू किया तो लोगों ने कहा कि यह सरकार वापस नहीं आएगी, लेकिन 2019 के चुनाव में देश के लोगों ने उन्हें दोबारा पिछले चुनाव की तुलना मे ज्यादा सीटें के साथ प्रधानमंत्री बनाया।
उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी ने कहा कि किसान की लागत पर 50 फीसद मुनाफा जोड़कर MSP घोषित होना चाहिए। स्वामीनाथन कमेटी ने अपनी सिफारिशें 2006 में UPA सरकार को पेश की परन्तु निर्णय नहीं लिया गया। लेकिन मोदी सरकार ने लागत पर 50 फीसद मुनाफा जोड़कर MSP घोषित करने का काम किया।
किसानों को समझाने को आयोजित सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने दिया बयान
बातचीत के दौरान हम कहते रहे कि कानून में वे चीजें बताएं, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। बावजूद इसके ना जानें क्यों, कहीं ना कहीं चर्चा पटरी से उतर जाती थी। दरअसल, वामपंथी लोग इस आंदोलन की आड़ में किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपना एजेंडा चला रहे हैं। हम सिर झुकाकर किसानों से बात करने को तैयार हैं, लेकिन मोदी सरकार को झुकाने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, पार्टी ने दावा किया कि सम्मेलन में ग्वालियर-चंबल संभाग के 10 हजार से अधिक किसान शामिल हुए। इसी तरह, मध्य प्रदेश के रीवा और जबलपुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इंदौर में केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संबोधित किया।
कांग्रेस और वामदलों के पेट में मरोड़
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि जिस कांग्रेस ने पिछले साल अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि खेत के लिए इस प्रकार का कानून बनाएंगे, जिससे अंतरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा मिले। बिना टैक्स के खरीद-फरोख्त हो। आज जब मोदी सरकार ने इस कानून को लागू करने का काम किया तो सारे देश ने स्वागत किया। जब से आंदोलन की शुरुआत हुई है, तब से लगातार कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के किसान हमारे पास आए और कहा कि दबाव में कानूनों में बदलाव नहीं करें। ये कानून ही किसान की तकदीर और देश की तस्वीर बदलेंगे। कुछ लोगों ने पंजाब में किसानों के बीच गलतफहमी पैदा कर दी और उन्होंने आंदोलन खड़ा कर दिया। कांग्रेस और वामदलों के पेट में अब मरोड़ हो रही है, जबकि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस कुछ नहीं कर पाई।