अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिए मिशेल की चार देशों में संपत्तियों और खातों की पहचान
सीबीआइ का आरोप है कि आठ फरवरी, 2010 में हस्ताक्षरित इस सौदे में देश को अनुमानित 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। इटली की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की विदेशी और घरेलू संपत्तियों की पहचान करने में भारतीय जांच एजेंसियां जुटी हुई हैं। उन्होंने चार देशों में इसकी पहचान कर ली है। न्यायिक हिरासत में चल रहे इटली मूल के ब्रिटिश नागरिक मिशेल को अन्य रक्षा सौदों में भी दलाली मिलने की बात बताई जा रही है।
जांच एजेंसियों को देश में भी बेनामी संपत्ति होने का संदेह
घोटाले की जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया है कि जांच एजेंसियों ने मिशेल की कम से कम चार देशों में संपत्तियों और बैंक खातों की पहचान कर ली है। एजेंसियों को संदेह है कि यह सभी संपत्तियां इस सौदे पर हस्ताक्षर के दौरान ही हासिल की गई हैं। उन्हें यह भी संदेश ही वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले की दलाली की रकम से उसने कुछ संपत्ति भारत में भी बना ली है। यह संपत्तियां 'बेनामी' हैं और उसका असली मालिक उससे जुड़ा कोई ब्रिटिश नागरिक हो सकता है।
2015 में दिल्ली में जब्त 1.12 करोड़ रुपये की संपत्ति भी मिशेल की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ष 2015 में दिल्ली में 1.12 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधान के तहत मिशेल से जुड़ा पाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच एजेंसियां अब उसकी ऐसी ही अन्य संपत्तियों की पहचान करने में लगी है, ताकि उसे भी इसी तरह जब्त किया जा सके। इससे जांच एजेंसियों को सौदे में हुए घोटाले की मनी ट्रेल (रकम आने और जाने का क्रमानुसार जरिया) भी पता चलेगा।
ईडी और सीबीआइ जैसी भारतीय जांच एजेंसियां यूएई और ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों की जांच एजेंसियों की इस मामले में मदद ले रही हैं। इसके जरिए वह नासिर्फ मिशेल की अचल संपत्तियों का पता लगा रही हैं बल्कि बैंक खातों का भी ब्योरा जुटा रही हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि मिशेल ने एक कंपनी हायर की थी जो उसे भारत से भारतीय रक्षा क्षेत्र में सक्रिय निर्माण उद्योग का बाजारी विश्लेषण देती थी। वह इससे भारत में रक्षा सौदों के आर्थिक और वित्तीय ट्रेंड का पता करता था।
उल्लेखनीय है कि क्रिश्चियन मिशेल का पिछले महीने ही यूएई से भारत में चार दिसंबर को प्रत्यर्पण किया गया है। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। क्रिश्चियन मिशेल इटली मूल का ब्रिटिश नागरिक है। वह उन तीन बिचौलियों में शामिल है जिनके खिलाफ इस घोटाले में सीबीआइ और ईडी जांच कर रही हैं। दो अन्य बिचौलियों के नाम गुइडो हश्के और कार्लो गेरोसा है।
सीबीआइ के साथ इस मामले की जांच कर रही ईडी ने मिशेल के खिलाफ वर्ष 2016 में आरोप पत्र दायर किया था और आरोप लगाया था कि उसे अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों के सौदे में 30 मिलियन यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) की दलाली मिली है।
प्रवर्तन निदेशालय के जांचकर्ताओं ने मिशेल के जरिए बनाई दुबई स्थित कंपनी ग्लोबल सर्विसेज, एफजेडई नाम की एक मीडिया कंपनी उसने दिल्ली में दो भारतीयों के साथ मिल कर में खोली थी। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह कंपनियां फर्जी थीं। इन्हें बनाने का मकसद अपराध से जुटाए काले धन को सफेद करना था।
पीएमएलए जांच में पाया गया कि इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव आफिसर (सीईओ) ब्रूनो स्पेगनोलिनी ने मिशेल को दलाली दी थी और अन्य बिचौलियों से भी 'परामर्श के करार' किए थे। अकेले मिशेल को उसकी दुबई की कंपनी के खाते में 30 मिलियन यूरो बतौर दलाली मिले थे। अन्य बिचौलियों को भी उसके मार्फत ही रकम दी गई थी।
ध्यान रहे कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने विगत एक जनवरी, 2014 को फिनमिकेनिका कंपनी की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के लिए 12 एडब्लू-101 वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों का सौदा रद कर दिया था। यह चॉपर वायुसेना के लिए खरीदे जाने वाले थे।
सीबीआइ का आरोप है कि आठ फरवरी, 2010 में हस्ताक्षरित इस सौदे में देश को अनुमानित 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वीवीआइपी चॉपर सौदा 556.262 मिलियन यूरो (करीब 4500 करोड़ रुपये) में किया गया था।