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नड्डा की गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा नेताओं को नसीहत, कहा- विवादित बयान देने से बचें

गिरिराज सिंह देवबंद को आतंकवाद की गंगोत्री बताकर विवादों में आए थे। अमित शाह कुछ नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयानों को दिल्ली में पार्टी की हार का कारण बता चुके हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 08:36 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:44 AM (IST)
नड्डा की गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा नेताओं को नसीहत, कहा- विवादित बयान देने से बचें
नड्डा की गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा नेताओं को नसीहत, कहा- विवादित बयान देने से बचें

नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली चुनाव में हार का सामना करने के बाद बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि पार्टी नेताओं को विवादित बयान देने से बचना चाहिए। पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इस तरह का बयान देने के प्रति आगाह किया है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि नड्डा ने बिहार से सांसद सिंह को शनिवार को तलब किया था और उन्हें ऐसे बयान नहीं देने को कहा था।

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इससे पहले गिरिराज देवबंद को आतंकवाद की गंगोत्री बताकर विवादों में आए थे। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुछ नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयानों को दिल्ली में पार्टी की हार का कारण बता चुके हैं। शाह ने कहा था कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान भारत-पाक मैच जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। पार्टी की हार के लिए ऐसे बयान जिम्मेदार हो सकते हैं। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि अब पार्टी की नजरें बिहार विधानसभा चुनाव पर हैं, जहां उसका जदयू के साथ गठबंधन है और पार्टी राज्य में जीत सुनिश्चित करना चाहती है।

'महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार अप्राकृतिक, अवास्तविक'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को अप्राकृतिक और अवास्तविक करार दिया है और कहा है कि इसने राज्य के विकास को रोक दिया है। रविवार को नवी मुंबई के निकट नेरुल में भाजपा के राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि पार्टी को भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश मिला था। इसके बावजूद कुछ लोगों ने स्वार्थी इरादों के साथ अपने रास्ते अलग कर लिए और सत्ता में आने के लिए विपक्षी दलों से हाथ मिला लिया। हालांकि, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा का अगला चुनाव अपने दम पर जीतने में कामयाब होगी।


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