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पीएसी बैठक में कोरोना टीकाकरण पर अधीर की NDA सांसदों से तीखी बहस

बैठक के दौरान चौधरी कोरोना महामारी की स्थिति पर केंद्र सरकार के प्रबंधन की आलोचना करते हुए एक बयान पढ़ने लगे जिसका भाजपा के जगदंबिका पाल और जदयू के राजीव रंजन सिंह समेत सत्तापक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 03:10 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:10 AM (IST)
पीएसी बैठक में कोरोना टीकाकरण पर अधीर की NDA सांसदों से तीखी बहस
पीएसी बैठक में कोरोना टीकाकरण पर अधीर की NDA सांसदों से तीखी बहस

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक के दौरान बुधवार को इसके अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और सत्तारूढ़ राजग सांसदों के बीच उस वक्त तीखी नोकझोंक देखने को मिली जब कांग्रेस नेता ने समिति की बैठक में कोरोना रोधी टीकाकरण के मुद्दे पर चर्चा का प्रयास किया।

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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद हुई पीएसी बैठक में मौजूदा साल के लिए चर्चा वाले विषयों को अंतिम रूप दिया जाना था। बैठक के दौरान चौधरी कोरोना महामारी की स्थिति पर केंद्र सरकार के प्रबंधन की आलोचना करते हुए एक बयान पढ़ने लगे जिसका भाजपा के जगदंबिका पाल और जदयू के राजीव रंजन सिंह समेत सत्तापक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया। चौधरी ने सुझाव दिया कि टीकाकरण अभियान के मुद्दे को समिति की चर्चा में शामिल किया जाए। इसका राजग सांसदों ने विरोध किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वह कुछ अनुचित कह रहे हैं तो वह पीएसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे। अपने विरोध को सही ठहराते हुए राजग सांसदों ने कहा कि पीएसी का व्यापक मकसद केंद्र सरकार के राजस्व व खर्च का आडिट करना और संसद में पेश होने वाली कैग रिपोर्ट की छानबीन करना है।

बता दें कि वैश्विक हालात की तुलना में भारत में कोरोना महामारी की स्थिति में तेज सुधार हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले सात दिनों में भारत में संक्रमण के मामलों में 30 फीसद की कमी आई है, जबकि इस दौरान दुनिया भर में मात्र छह फीसद ही मामले कम हुए हैं। यही हाल कोरोना महामारी से होने वाली मौतों को लेकर भी है। बीते सात दिनों में भारत में मौतों में 35 फीसद की कमी आई और दुनिया में मात्र 10 फीसद की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में लगातार 34 दिनों से नए मामलों की तुलना में ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं। इसके चलते सक्रिय मामलों की संख्या भी घटकर नौ लाख से नीचे आ गई है। 70 दिन बाद सक्रिय मामले नौ लाख से कम हुए हैं। एक्टिव केस कुल संक्रमितों का 2.92 फीसद रह गए हैं। मरीजों के उबरने की दर बढ़कर 96 फीसद के करीब पहुंच गई है।


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