सीसैट से प्रभावित छात्रों को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में मिलें अतिरिक्त मौके
वर्ष 2011 से 2014 के बीच जिन उम्मीदवारों को परेशानी झेलनी पड़ी है उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए अतिरिक्त मौके दिए जाएं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीजू जनता दल के नेता भृर्तहरि माहताब ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट लागू होने के बाद प्रभावित छात्रों के लिए अतिरिक्त मौके दिए जाने की मांग की है। माहताब का कहना है कि सीसैट लागू होने के बाद हिन्दी माध्यम से सिविल सेवा पास करने वाले उम्मीदवारों के अनुपात में कमी आयी है।
बीजद नेता भृर्तहरि माहताब ने लोक सभा में की मांग
माहताब ने सोमवार को लोक सभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। माहताब ने कहा कि वह सरकार से अपील करते हैं कि वर्ष 2011 से 2014 के बीच जिन उम्मीदवारों को परेशानी झेलनी पड़ी है उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए अतिरिक्त मौके दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि लगभग 65 प्रतिशत आबादी सीसैट लागू करने से प्रभावित हुई थी, इसलिए उन्हें अतिरिक्त दो मौके दिए जाएं।
माहताब ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग ने 2011 में सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट लागू किया जिसके बाद उन छात्रों ने इसका विरोध किया जो अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय से नहीं पढ़े हैं।
माहताब ने कहा कि अचानक से लागू किए गए इस बदलाव से हिन्दी माध्यम से यूपीएससी में पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत 2009 में 42.2 प्रतिशत से घटकर 2011 में 15 प्रतिशत पर आ गया। तब से ये विद्यार्थी यूपीएससी में अतिरिक्त मौके की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया है।