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राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 की समीक्षा के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी

Rrajnath Singh ने रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 और रक्षा खरीद मैनुअल-2009 की समीक्षा करने के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक समिति के गठन को मंजूरी दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 02:08 PM (IST)
राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 की समीक्षा के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी
राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 की समीक्षा के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 और रक्षा खरीद नियमावली (डीपीएम) 2009 की समीक्षा के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। सरकार ने समिति को अपनी सिफारिशें देने के लिए छह महीने का वक्‍त दिया है। बता दें कि 28 मार्च 2016 को तत्‍कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2016 का अनावरण किया था। इसने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 की जगह ली थी। 

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GOM meeting at Rajnath Singh residence पाकिस्‍तान से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर शनिवार को मंत्री समूह की बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए। फ‍िलहाल, बैठक में किन किन मसलों पर चर्चा हुई इस बारे में विस्‍तृत ब्‍यौरा नहीं जारी किया गया है। माना जा रहा है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालतों पर भी मंथन हुआ। 

बता दें कि अनुच्‍छेद-370 के कई प्रावधानों के हटने के बाद से कश्मीर में कई चीजें प्रतिबंधित कर दी गई थीं। हालांकि, केंद सरकार ने हालात धीरे-धीरे सामान्य होने का दावा किया है। इस बीच जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकारी दफ्तरों में काम होने लगा है। टेलीफोन सेवा भी चरणबद्ध तरीके से बहाल की जा रही है। इस बीच, प्रशासन ने कहा है कि मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं हालात सामान्य होने तक बंद रहेंगी। यह भी कहा गया है कि पिछले 15 दिनों में कहीं कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।

उल्‍लेखनीय है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी हमले का खतरा बराबर बना हुआ है। इसे लेकर सीमा पर कड़ी चौकसी भी बरती जा रही है। हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों को कई ऐसे इनपुट मिले थे जिनमें कहा गया था कि पाकिस्‍तान (Pakistan) में मौजूद जैश-ए-मोहम्‍मद (Jaish-e-Mohammad) जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने की फिराक में है। यहां तक कि पीओके में बैठा जैश सरगना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अजहर ने खुद इसकी कमान अपने हाथ में ली है। 


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