Move to Jagran APP

जानें, कितने सांसदों एवं विधायकों के दामन पर लगे दाग, फ‍िर कैसे बनेगा ये कानून ?

एडीआर की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 30 फीसद सांसदों और 33 फीसद विधायकों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। आइए जानते हैं कि कि अपराधों की श्रेणी और उसमें फंसे सांसदों और विधायकों की कितनी है संख्‍या।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 09:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 01:07 PM (IST)
जानें, कितने सांसदों एवं विधायकों के दामन पर लगे दाग, फ‍िर कैसे बनेगा ये कानून ?
जानें, कितने सांसदों एवं विधायकों के दामन पर लगे दाग, फ‍िर कैसे बनेगा ये कानून ?

नई दिल्‍ली [ जेएनएन ] । देश की शीर्ष अदालत ने आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे राजनीतिज्ञों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि अदालत ने जिस संसद पर इन्हें रोकने के लिए कानून बनाने की बड़ी जिम्मेदारी छोड़ी है, उसमें एक तिहाई सांसद आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 30 फीसद सांसदों और 33 फीसद विधायकों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। आइए जानते हैं कि कि अपराधों की श्रेणी और उसमें फंसे सांसदों और विधायकों की कितनी है संख्‍या। इसके अलावा एक और संख्‍या के लिहाज से भले ही बड़े राज्‍यों में दागी माननीयों की संख्‍या ज्‍यादा हो, लेकिन अगर विधानसभा की संख्‍या के लिहाज से फीसद में इन माननीयों की संख्‍या निकाली जाए तो तस्‍वीर थोड़ी अलग है।
230 संसदों के दामन में लगे दाग 
पहचे चर्चा करते हैं दागी सांसदों की। मौजूदा समय में लोकसभा में 542 सांसद हैं। इनमें से कई सांसदों पर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। इनमें से 179 पर आपराधिक मामले दर्ज है। इनमें से 114 सांसदों पर आपराधिक या बालात्‍कार जैसे गंभीर मामले हैं। यह हाल लोकसभा का है। संसद के उच्‍च सदन यानी राज्‍य सभा में 228 सदस्‍यों में से 51 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
63 फीसद दागी विधायक के साथ झारखंड अव्‍वल
यदि राज्‍यों में विधानसभा सदस्‍यों की संख्‍या और दागी विधायकों की संख्‍या के अनुपात के लिहाज से देखा जाए तो झारखंड अव्‍वल है। झारखंड में 63 फीसद विधायक दागी हैं। इनमें 49 फीसद विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस मामले में केरल दूसरे स्‍थान पर है। यहां 62 फसीद विधायक दागी हैं। इनमें से 19 फीसद विधायकों पर गंभीर मामलों में फंसे हैं। इस मामले में बिहार तीसरे स्‍थान पर है। बिहार विधानसभा में 58 फीसद विधायक दागी हैं। इनमें से 40 फीसद विधायकों पर गंभीर मामले के आरोप हैं। दागी विधायकों के मामले में उत्‍तर प्रदेश चौथे स्‍थान पर है। विधानसभा के 36 फीसद विधायक दागी हैं। इसमें 27 फीसद विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उत्‍तराखंड विधानसभा में 31 फीसद विधायक दागी हैं, इनमें से 20 फीसद विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज हैं।
पूर्वोत्‍तर राज्‍यों का भी बूरा हाल
इस मामले में पूर्वोत्‍तर के राज्‍य भी पीछे नहीं हैं। असम विधानसभा में सर्वाधिक 11 फीसद विधायक दागी हैं। सिक्किम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर विधानसभा में दागियों की संख्या तीन फीसद है। अरुणाचल प्रदेश में दागियों की संख्‍या एक फीसद है।

loksabha election banner

अपराधों की श्रेणी और माननीय

अपराध को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करने पर एक नई तस्‍वीर सामने आती है। महिलाओं के छेड़छाड़ में भी ये नेता शामिल हैं तो अपहरण जैसे मामले में भी इन पर केस दर्ज है। 
1- महिलाओं से छेड़छाड़ या बलात्‍कार के मामले
महाराष्‍ट्र के 12 सांसदों एवं विधायकों पर महिलाओं से छेड़छाड़ या बलात्‍कार के मामले दर्ज हैं। इस मामले में महाराष्‍ट्र सबसे आगे है। दूसरे स्‍थान पर पश्चिम बंगाल है। यहां 11 राजनेताओं पर महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं। आंध्र प्रदेश में पांच सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ इस तरह के मामले दर्ज हैं।

2- भाषण में फंसे नेता जी
भड़काऊ भाषण के लिहाज से सबसे ज्‍यादा मामले उत्‍तर प्रदेश से हैं। यूपी के 15 सांसद व विधायकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण का केस चल रहा है। इस मामले में तेलंगाना दूसरे स्‍थान पर है। यहां 13 नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज है। इस मामले में कर्नाटक तीसरे स्‍थान पर है।

3- अपहरण के मामले दर्ज
इन माननीयों के खिलाफ अपहरण जैसे संगीन अपराध के मामले भी दर्ज हैं। इस मामले में बिहार अव्‍वल है। यहां के 12 सांसदों व विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं। उत्‍तर प्रदेश और महाराष्‍ट्र में 11 माननीयों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं। इस मामले में यूपी और महाराष्‍ट्र बराबर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.