सितंबर में जमीन बचाने के लिए भारत में जुटेंगे दुनिया के 197 देश
जलवायु परिवर्तन के चलते जमीन की खराब होती गुणवत्ता और बढ़ते मरुस्थलीकरण जैसी समस्याओं को लेकर दुनिया के करीब 197 देशों का सितम्बर में भारत में जमावड़ा होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के चलते जमीन की खराब होती गुणवत्ता और बढ़ते मरुस्थलीकरण जैसी समस्याओं को लेकर दुनिया के करीब 197 देशों का सितम्बर में भारत में जमावड़ा होगा। जिसमें इन सभी देशों के प्रमुख राजनयिकों के साथ इस क्षेत्र से करीब पांच हजार से ज्यादा विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह पूरा आयोजन नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में होगा। जो तीन सिंतबर से शुरू होकर 13 सितंबर तक चलेगा। भारत ने मंगलवार को औपचारिक रूप से इसकी मेजबानी स्वीकार की है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसे लेकर हस्ताक्षर किया। साथ ही बताया कि इस दौरान लिए गए फैसले नई दिल्ली घोषणा पत्र के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि दुनिया में जिस तरह से जमीन की गुणवत्ता खराब हो रही है। साथ ही मरुस्थीलकरण में इजाफा हो रहा है, उसे देखते हुए पूरी दुनिया चिंतित है।
हालांकि उन्होंने इस दौरान भारत में भूमि की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी और कहा कि हम जमीन के स्वास्थ्य की जानकारी रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड बना रहे है। साथ ही वह खेतों में ज्यादा केमिकल के हो रहे इस्तेमाल को रोकने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे है।
इसके लिए भारत में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन आदि विषयों पर नजर रखने वाले सीओपी-14 ( कांफ्रेस आफ द पार्टीज) संगठन यह बैठक आयोजित करता है। भारत में यह उसकी 14 वीं बैठक होगी।