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असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने के लिए 1951 हो कट-आफ वर्ष

कमेटी ने निर्विरोध सिफारिश की है कि जो लोग 1951 में असम के निवासी थे और उनके वंशजों को राज्य का मूल निवासी माना जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:18 AM (IST)
असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने के लिए 1951 हो कट-आफ वर्ष
असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने के लिए 1951 हो कट-आफ वर्ष

नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक समिति ने सुझाव दिया है कि असम के मूल निवासियों को परिभाषित करने तथा राज्य के बाहर के लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण के लिए इनर लाइन परमिट (आइएलपी) जारी करने का कट-आफ वर्ष 1951 होना चहिए। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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समिति ने सीटों के आरक्षण के लिए भी सुझाए दो फार्मूले

समिति ने असम के विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में मूल निवासियों के लिए सीटों के आरक्षण के लिए भी दो फार्मूले सुझाए हैं। इसमें उनके लिए 67 फीसद आरक्षण का सुझाव शामिल है।

समिति अमित शाह को रिपोर्ट सौंपने के लिए तैयार

मंत्रालय ने असम के मूल निवासियों को संविधान के तहत सुरक्षा मानक प्रदान करने के उपाय सुझाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। सूत्रों ने बताया कि जस्टिस (सेवानिवृत्त) विप्लव कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय समिति ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया। समिति ने मंत्रालय को बताया कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट सौंपने के लिए तैयार है तथा उनसे मिलने के लिए समय भी मांगा। रिपोर्ट इसी सप्ताह गृह मंत्रालय को दी जा सकती है।

जो लोग 1951 में असम के निवासी थे उनके वंशजों को राज्य का मूल निवासी माना जाएगा

सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने निर्विरोध सिफारिश की है कि जो लोग 1951 में असम के निवासी थे और उनके वंशजों को राज्य का मूल निवासी माना जाएगा, चाहे उनका समुदाय, जाति, भाषा या धर्म कुछ भी हो।

असम में भी आइएलपी लागू होना चाहिए- कमेटी

समिति ने यह भी सुझाया कि असम में आइएलपी लानी चाहिए ताकि राज्य के बाहर से लोगों की आवाजाही नियंत्रित की जा सके।

अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में आइएलपी लागू है

 नियमों के अनुसार, बाहरी लोगों को उन क्षेत्रों में प्रवेश के लिए निर्दिष्ट अधिकारियों से अनुमति लेनी होती है जहां आइएलपी लागू है। वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में आइएलपी लागू है।


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