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Parliament Session: राज्‍यसभा के बाद लोकसभा की कार्यवाही भी अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित

संसद के मानसून सत्र का आज दसवां दिन है। 14 सितंबर से शुरू हुए इस सत्र को 1 अक्टूबर तक चलना था लेकिन कोरोना वायरस के कारण समय से पहले ही इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 08:34 PM (IST)
Parliament Session: राज्‍यसभा के बाद लोकसभा की कार्यवाही भी अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित
14 सितंबर से जारी है संसद का मानसून सत्र

नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा और राज्‍यसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही आज अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण समय से पहले सत्र को खत्म किया गया है। 1 अक्टूबर तक चलने वाले सत्र को 8 दिन पहले ही खत्म करने का फैसला लिया गया। राज्यसभा में इस सत्र में कुल 25 विधेयक पारित किए गए। इसमें कृषि से संबंधित तीन और श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयक शामिल हैं। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, 'सदन के लिए 18 बैठकें निर्धारित की गई थीं लेकिन 10 ही हो सकी और इस दौरान 25 विधेयक पारित किए गए।'

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TMC और TRS के लोकसभा सांसद संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास कृषि विधेयक का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।

प्रवासी मजदूरों के लिए बोले जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'जब देश के 50 करोड़ मजदूरों के हित के लिए विधेयक लाया जा रहा है तब विपक्ष सदन से अनुपस्थित है क्योंकि वे जनता से दूर हैं। आजादी के 73 सालों बाद श्रमिकों को अधिकार मिल रहा है जिसके लिए वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इन विधेयकों में उनकी तनख्वाह, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा निहित है।'  राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'प्रवासी मजदूर को साल में एक बार घर जाने के लिए प्रवास भत्ता मिलेगा। प्रवासी मजदूरों को मालिकों द्वारा दिया जाएगा।' इससे पहले उन्होंने कहा, 'मजदूर जिस न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे वो अब मिल रहा है। वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा तीनों की गारंटी देने वाला ये बिल है: उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020। 

इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि विपक्ष की अनुपस्थिति में श्रमिकों से संबंधित विधेयकों को पारित न किया जाए।

रामदास अठावले ने कहा- 

राज्यसभा में रामदास अठावले ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी जी ने लिया है अपने ऊपर सभी मजदूरों का भार, इसलिए उनको देश के मजदूर करते हैं प्यार। संतोष गंगवार हैं आदमी सोबर, इसलिए उन्हें डिपार्टमेंट मिला है लेबर (labour)। लेबर को न्याय देने की गंगवार जी में है हिम्मत, इसलिए हम सब उनको देते हैं हिम्मत।'

सदन में आज पारित हुए ये विधेयक-

 राज्यसभा में उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 बिल (Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020, the Industrial Relations Code 2020 and the Code on Social Security) पारित हुए।राज्यसभा में अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक, 2020 ( Bilateral Netting of Qualified Financial Contracts Bill, 202) पारित हुआ। 

विपक्षी दलों का प्रदर्शन

 विपक्षी दल संसद परिसर में संयुक्त रूप से कृषि विधेयक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और नारा लगा रहे हैं- किसान बचाओ, मजदूर बचाओ, लोकतंत्र बचाओ।

 प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद हैं। संसद परिसर में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने गांधी मूर्ति से लेकर अंबेडकर मूर्ति तक मार्च भी निकाला। विपक्ष कृषि बिल के अलावा श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयकों का भी विरोध कर रहा है।

विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक

राज्यसभा में विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक,2020 (Foreign Contribution (Regulation) Amendment Bill, 2020) पास कर दिया गया। NGOs के लिए विदेशों से आने वाले फंड का विनियमन इस विधेयक के आधार पर किया जाएगा। लोकसभा में यह विधेयक 21 सितंबर को पास हुआ था। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन में कहा, 'कई आर्गेनाइजेशन अपना पहचान छिपाते हैं। इससे उन्हें किसी बात का भय नहीं रहता और इसलिए ही आधार कार्ड लाया गया ताकि उनकी पहचान जाहिर हस सके।' इससे पहले उन्होंने कहा कि विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक देश और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक कानून है और विदेशी फंडों को रोकना इसका मुख्य उद्देश्य है। 

अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित

इससे पहले गृह राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, 'मुझे सदस्यों को सूचित करना है कि सरकार ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है, लेकिन इससे पहले कुछ महत्वपूर्ण विधेयक आज लोकसभा में पारित कर दिए जाएंगे।'  कोविड-19 महामारी के मद्देनजर  निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है। संसद के मानसून सत्र का आज दसवां दिन है और सरकार के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निबटाने के बाद मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है। 

नेता प्रतिपक्ष के ऑफिस में एकत्र हुए विपक्षी सांसद

जारी राज्यसभा सत्र का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दलों के सांसद नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी के कार्यालय में एकत्र हुए हैं। ये सभी संसद में पारित कृषि विधेयक को लेकर चर्चा करने वाले हैं। इसके बारे में पहले ही नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने बताया, 'राज्यसभा सत्र कर बहिष्कार करने वाली विपक्षी पार्टियों ने सदन में नेता प्रतिपक्ष के ऑफिस में आज बैठक बुलाई।' बता दें कि गुलाम नबी के ऑफिस में होने वाले इस बैठक में विपक्षी पार्टियों के बीच कृषि विधेयक को लेकर चर्चा की जाएगी।

 जीरो आवर नोटिस

इससे पहले शिवसेना सांसद अनिल देसाई (Shiv Sena MP Anil Desai), राजद सांसद मनोज कुमार झा (RJD MP Manoj Kumar Jha) ने राज्यसभा में जीरो आवर नोटिस दिया है। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने  राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को स्वास्थ्य बीमा कवर की मांग' को लेकर जीरो आवर नोटिस दिया। मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष की ओर से निलंबित सांसदों की वापसी की अपील की गई। 

 लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) पर चर्चा की जाएगी। साथ ही और भी अनेकों महत्वपूर्ण विधेयकों (Major Port Authorities Bill,2020 , The Assisted Reproductive Technology (Regulation)Bill, 2020 ,The Factoring Regulation (Amendment) Bill, 2020 को पारित किया जाना है।  कृषिविधेयक के पारित किए जाने के दौरान रविवार को सदन में हंगामा करने और उपसभापति के साथ अनियंत्रित व्यवहार के आरोप में 8 विपक्षी सांसदों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया। 


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