जानें- इस्लामाबाद के मुकाबले दूसरे प्रांतों में क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज, क्या है बड़ी वजह
कोरोना वायरस से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार वादे तो बहुत कर रही है लेकिन इनकी सच्चाई सिर्फ इस्लामाबाद तक ही सीमित है। आंकड़े तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पाकिस्तान में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। सिंध, पंजाब के बाद बलूचिस्तान में इसके सबसे अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। इसकेअलावा गुलाम कश्मीर और खैबर पख्तूनख्वां में भी मामले तेजी से बढ़ रहे है। सबसे कम मामले इस्लामाबाद में सामने आए हैं। पाकिस्तान के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो इनमें दो बातें बेहद चौंकाने वाली सामने आ रही हैं। पहला ये कि जहां बलूचिस्तान, गुलाम कश्मीर और खैबर पख्तूनख्वा में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं वहीं इस्लामाबाद में ये उस लिहाज से काफी कम हैं। इसको अच्छा कहा जा सकता है, लेकिन इसका दूसरा पक्ष काफी खराब भी है।
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि इस्लामाबाद पाकिस्तान का राजनीतिक केंद्र है। पीएम इमरान खान और राष्ट्रपति समेत देश के मंत्री और सांसद यहां रहते हैं। इसके अलावा देश की संसद, सुप्रीम कोर्ट भी यहीं पर है। यही वजह है कि सरकार का पूरा ध्यान शायद इस्लामाबाद तक ही सीमित भी है। दूसरी जगहों के बारे में और वहां पर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बारे में सरकार या खुद पीएम इमरान खान कम तवज्जो दे रहे हैं। यहां पर आपको पीएम इमरान खान का राष्ट्र के नाम दिया गया वो संबोधन भी बताना जरूरी हो जाता है, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजों का जिक्र किया था। उनका कहना था कि यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं देना काफी मुश्किल काम है। इस दौरान उन्होंने यहां तक माना था कि बलूचिस्तान में हेल्थ सर्विस दूसरे प्रांतों के मुकाबले काफी खराब हैं।
वहीं, यदि इसे राजनीतिक कसौटी पर जांचा जाए तो पता चल जाएगा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान के बनने के बाद से ही काफी पिछड़ा रहा है। यही वजह है कि यहां के लोग काफी लंबे समय से सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इन लोगों का यहां तक कहना है कि सेना और सरकार दोनों ही मिलकर उनपर जुल्म कर रही है। उनके लोगों को झूठे मामलों फंसा कर जेल में डाल रही है। उन्हें जान से मार रही है। दुनिया के कई मुल्कों में रहने वाले बलूच लोग इसको लेकर कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं। यही हाल खैबर पख्तूनख्वा और गुलाम कश्मीर का भी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यहां के लोगों को इसी बात की सजा मिल रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले तो कहीं न कहीं इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
एक सवाल ये भी है कि जो इंतजाम सरकार इस्लामाबाद में कर रही है वही इंतजाम आखिर सिंध, पंजाब, बलूचिस्तान, गुलाम कश्मीर और खैबर पख्तूनख्वा में क्यों नहीं किए जा रहे हैं। आखिर क्यों पीएम इमरान खान खुद को बचाने के लिए सारी कवायद इस्लामाबाद में ही कर रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर जब उन्होंने टीवी पर अपना संदेश दिया था तब उन्होंने अपनी माली हालत का दुखड़ा रोया था। उनका कहना था कि देश में लॉकडाउन किया गया तो गरीब लोग भूखे मरने लगेंगे, लेकिन सिंध ने अपने यहां पर लॉकडाउन किया। इमरान खान अब विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों से आर्थिक मदद देने की अपील कर रहे हैं। ये अपील कितनी कारगर साबित होगी ये तो वक्त बताएगा, लेकिन यदि हो भी गई और वहां से मिला पैसा भी इस्लामाबाद तक ही सीमित रखा गया तो दूसरे प्रांतों के लोगों का क्या होगा।
कोरोना वायरस के इतने प्रकोप के बाद अब सरकार विपक्ष से सुझाव मांग रही है कि इस महामरी से कैसे लड़ा जाए। वहीं एक सच्चाई ये भी है कि पाकिस्तान इसके लिए चीन की तरफ उम्मीद लगाए हुए है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में अब तक कोरोना वायरस के 1098 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सिंध में 143, पंजाब में 323, बलूचिस्तान में 131, खैबर पख्तूनख्वा में 121, गुलाम कश्मीर में 85 और इस्लामाबाद में 25 मामले शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तान में इस वायरस की वजह से 8 मौत हो चुकी हैं।
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