सामरिक साझेदारी मजबूत करेंगे भारत और अमेरिका, आस्टिन की राजनाथ सिंह के साथ बैठक आज, जानें एजेंडा
भारत पहुंचते ही अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन की पीएम मोदी और एनएसए अजीत डोभाल के साथ मुलाकात यह दिखाने के लिए काफी है कि बाइडन प्रशासन भारत के साथ रिश्तों को कितनी अहमियत दे रहा है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
संजय मिश्र, नई दिल्ली। राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने के बाद भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूती देने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन भारत पहुंच गए हैं। भारत पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात यह दिखाने के लिए काफी है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दोनों देशों के रिश्तों को जहां छोड़ा था, बाइडन प्रशासन वहीं से आगे बढ़ेगा। ऑस्टिन शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे।
चीन की उग्रता पर होगी बात
इस मुलाकात में भारत-अमेरिका के रणनीतिक और सामरिक रिश्तों को नई दिशा देने पर मंत्रणा होगी। इस दौरान चीन की बढ़ती उग्रता पर भी बातचीत होने की संभावना है। साथ ही दोनों देशों के रक्षा खरीद से जुड़े मसलों और रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर अमेरिकी आपत्ति पर भी खुली चर्चा की उम्मीद की जा रही है।
काफी व्यस्त रहेगा शेड्यूल
राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने के बाद भारत की यात्रा करने वाले पहले वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ऑस्टिन की दो दिन की यात्रा कूटनीतिक मुलाकातों और चर्चाओं के लिहाज से काफी व्यस्त रहेगी। पहले ही दिन पीएम मोदी और एनएसए डोभाल से उनकी मुलाकात के गहरे मायने हैं।
बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट की मंशा
12 मार्च को क्वाड के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापानी पीएम योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मारीसन की वर्चुअल शिखर बैठक के बाद यह चर्चा और अहम हो गई है। चीन क्वाड को अपनी घेरेबंदी के रूप में देख रहा है। वहीं बाइडन ने सत्ता संभालते ही क्वाड देशों के बीच रणनीतिक और सामरिक साझेदारी को प्रमुखता देने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी।
चीन पर अमेरिका के साफ संकेत
अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर एशिया की पहली यात्रा के दौरान ऑस्टिन का दक्षिण कोरिया, जापान और भारत का दौरा करना भी चीन को घेरने की अमेरिकी प्रशासन की रणनीति का साफ संकेत है। ऑस्टिन ने जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर पड़ोसी देशों के साथ चीन के रिश्तों को लेकर खुले तौर पर तल्ख टिप्पणी से भी परहेज नहीं किया।
इसलिए अहम माना जा रहा यह दौरा
पूर्वी लद्दाख में एलओसी पर चीन की उग्र सैन्य हरकतों को देखते हुए स्वाभाविक रूप से ऑस्टिन और भारतीय नेतृत्व के बीच बीजिंग की आक्रामकता चर्चा का प्रमुख मुददा रहेगी। अमेरिका और चीन के शीर्ष कूटनीतिक प्रतिनिधिमंडल के बीच अलास्का में शुक्रवार को हुई बातचीत में नजर आई तल्खी को देखते हुए भारतीय नेतृत्व के साथ ऑस्टिन की चर्चा की अहमियत और भी ज्यादा हो गई है।
यह है शनिवार का कार्यक्रम
अमेरिकी रक्षा मंत्री अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत शनिवार को राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ करेंगे। राजनाथ सिंह के साथ शनिवार सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में उनकी द्विपक्षीय मुलाकात और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। राजनाथ-ऑस्टिन दोपहर 12 बजे संयुक्त बयान जारी करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी ऑस्टिन की मुलाकात और चर्चा होगी।
कई आयामों पर फोकस रहेगी वार्ता
भारत और अमेरिका के रणनीतिक-सामरिक रिश्तों को गति देने के आयामों पर बातचीत का फोकस रहेगा। स्वाभाविक रूप से इसमें रक्षा खरीद के प्रस्तावित सौदों को लेकर भी चर्चा होगी, जिसमें अमेरिकी फाइटर एयरक्राफ्ट और ड्रोन हथियार प्रणाली की खरीद का मसला भी शामिल है।