राजनयिक मिशन की दोबारा शुरुआत के लिए सीरिया-लीबिया सहमत
सीरिया और लीबिया के बीच राजनयिक मिशन को दोबारा सक्रिय करने पर सहमति बनी है। इसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर कर लिया गया है।
दमिश्क, आइएएनएस। सीरियाई सरकार और लीबियाई कूटनीतिक प्रतिनिधिमंडल के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच दोबारा राजनयिक मिशन की शुरुआत की जाएगी। रविवार को सीरियाई विदेश मंत्री वालिद अल-मोआल्लेम (Walid al-Moallem) के साथ लीबिया के प्रतिनिधमंडल का अगुवाई करने वाले उप प्रधानमंत्री अब्दुल रहमान अल अहिरेश (Abdul-Rahman al-Ahiresh) व विदेश मंत्री अब्दुल हदी अल हवाइज के बीच मुलाकात के बाद MoU पर हस्ताक्षर किया गया।
अल-मोआल्लेम बेंगाजी में फिर से शुरू होगी। हवाइज ने राजनयिक व आर्थिक संबंधों को दोबारा शुरू करने के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने संकेत दिया कि MoU में 46 संयुक्त समझौते हुए हें और यह सीधे तौर पर लागू किया जाएगा।
सीरिया और लीबिया ने अपने अपने देशों में मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा की खासकर सीरियाई व लीबियाई मुद्दों मुद्दों में तुर्की के हस्तक्षेप पर। बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने बताया है कि वे सीरिया और लीबिया की मौजूदा स्थिति पर 5 मार्च को रूस, जर्मनी और फ्रांस के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
दोनों देशों के बीच सहयोग व आतंकवाद के खात्मे के साथ तुर्की गतिविधियों पर लगाम लगाने के मुद्दे पर वार्ता के लिए लीबियाई सरकार के उप प्रधानमंत्री अब्दुल रहमान अल-अहिरेश व विदेश मंत्री अब्दुल-हादी अल-हवाइज की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में मेजर जनरल युनूस फरहत, लीबियाई इंटेलिजेंस सर्विस, मेजर जनरल मुस्तफा अल- मुकरीन और विदेश मंत्रालय के निदेशक के साथ एंबेस्डर अब्दुल सलाम अल-रैकेई शामिल हैं।
लीबियाई सरकार के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत दमिश्क अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सीरियाई उप विदेश मंत्री फैसल मिकदाद अरब वर्ल्ड डिपार्टमेंट के निदेशक मिलाद अट्टया, प्रोटोकॉल मंत्रालय के निदेशक समी सलामाह व अन्य गणमान्य ने किया। लीबिया सरकार के विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया कि प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा राजनीतिक, सुरक्षा और सूचनात्मक समन्वय और परामर्श के ढांचे के तहत हो रहा है ताकि आतंकवाद का मुकाबला करने और दोनों देशों के खिलाफ तुर्की का सामना करने के लिए चर्चा की जा सके ।