SCO Summit 2020 : राजनाथ का चीन पर निशाना, कहा- क्षेत्रीय शांति के लिए आक्रामकता ठीक नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के मंत्री स्तरीय बैठक में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए गैर-आक्रामकता जरूरी है।
मास्को, एजेंसियां। मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद की सभी रूपों और इसके समर्थकों की निंदा करता है। राजनाथ सिंह ने चीन का नाम लिए कहा कि शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्यों के बीच एकदूसरे के प्रति गैर-आक्रामकता का परिचय दिया जाए। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा चीन के रक्षा मंत्री भी भाग ले रहे हैं।
चीन को दिखाया आईना
भारत और चीन के बीच लद्दाख में ताजा झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस अहम बैठक में शामिल होना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है। शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्यों के बीच एकदूसरे के प्रति विश्वास हो.... साथ ही संवेदनशीलता और गैर-आक्रामकता का परिचय दिया जाए। रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए आक्रामकता ठीक नहीं है...
वैश्विक सुरक्षा ढांचे के विकास पर भारत का जोर
सिंह ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों, जहां दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है, के शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र के लिए गैर-आक्रामकता की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र एक शांतिपूर्ण दुनिया को आधार प्रदान करता है जहां अंतरराष्ट्रीय कानूनों और देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है और देश दूसरे देशों पर एकपक्षीय तरीके से आक्रमण करने से बचते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं आज दोहराता हूं कि भारत वैश्विक सुरक्षा ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जो खुला, पारदर्शी, समावेशी, नियम आधारित और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में काम करने वाला होगा।
अफगानिस्तान में सुरक्षा का मसला बड़ी चिंता
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा का मसला बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। भारत अरब की खाड़ी (Persian Gulf) में मौजूदा हालात को लेकर भी बहुत चिंतित है। हम आपसी सम्मान और संप्रभुता के आधार पर बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने के लिए खाड़ी क्षेत्र के देशों का आह्वान करते हैं। बैठक में राजनाथ सिंह ने युद्ध की विभीषिका को लेकर भी सचेत किया। उन्होंने कहा कि द्वीतिय विश्व एक देश की सेनाओं द्वारा दूसरे देश पर हमले और भयावह विनाश की याद दिलाता है।
मतभेदों को भुलाने की जरूरत
राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें बहुत बड़ी सीख भी दी है। इसने मानव जाति को मतभेदों को भुलाने के साथ ही प्रकृति की शक्ति को कमतर न आंकने को लेकर भी आगाह किया है। सनद रहे कि कोरोना महामारी दुनिया में सबसे पहले चीन के वुहान से शुरू हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से लेकर दुनियाभर के कई नेता कोरोना महामारी को फैलने देने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। इस बयान के जरिए राजनाथ सिंह का निशाना चीन पर भी था जो प्रकृति के साथ कोई भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह मास्को में रूसी संघ के सशस्त्र बलों और संग्रहालय परिसर के मुख्य कैथेड्रल का दौरा किया। वह शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए रूस की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं। pic.twitter.com/oXvjouZjR9— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 4, 2020
आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर निशाना
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी स्ट्रक्चर के कार्यों को महत्व दिया है। चरमपंथी प्रोपेगेंडा का मुकाबला करने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की ओर से आतंकवाद विरोधी तंत्र को अपनाया जाना एक महत्वपूर्ण फैसला है। भारत आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसे बढ़ावा देने वाले देशों की कड़ी निंदा करता है। हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता (सुरक्षा) को बढ़ाने की जरूरत है।
Group photo at combined meeting of Defence Ministers of Shanghai Cooperation Organisation, Collective Security Treaty Organisation (CSTO) & CIS member states in Moscow, organised in commemoration of 75th Anniversary of victory in the World War II: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/YLoByHvB5I— ANI (@ANI) September 4, 2020
भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है। पांच दिन पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे की असफल कोशिश की थी जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच तनाव बढ़ गया था। मौजूदा वक्त में दोनों ही पक्ष कूटनीतिक और सैन्य बातचीच के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों पर मुस्तैद है।