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रक्षा संबंधों की मजबूती के लिए भारत और जापान तैयार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष से की बात

भारत और जापान आपसी रक्षा संबंधों को नये मुकाम पर ले जाने को लेकर गंभीर चर्चा का दौर शुरू कर चुके हैं। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता में जो सहमति बनी थी उन्हें इस वर्ष लागू करने के लिए कदम उठाये जाएंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 01:46 AM (IST)
रक्षा संबंधों की मजबूती के लिए भारत और जापान तैयार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष से की बात
भारत और जापान रक्षा संबंधों को नये मुकाम पर ले जाने को लेकर चर्चा का दौर शुरू कर चुके हैं।

नई दिल्‍ली, जागरण ब्यूरो। भारत और जापान ने आपसी रक्षा संबंधों को नए मुकाम पर ले जाने को लेकर गंभीर चर्चा का दौर शुरू कर दिया है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता में जो सहमति बनी थी, उन्हें इस वर्ष लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशीमासा के बीच वार्ता में रक्षा संबंधों के विभिन्न आयामों को लेकर खास तौर पर बात हुई है। दोनों देश क्वाड (अमेरिका, आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर बनाया गया चार देशों का संगठन) का सदस्य हैं और इन चारों के बीच हर साल सैन्य अभ्यास भी होता है।

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राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ

भारत और जापान इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। जयशंकर और योशीमासा के बीच हुई वार्ता में इस संबंध में भी विमर्श हुआ। इसके साथ ही आर्थिक संबंधों, रक्षा संबंधों को और मजबूत करने को लेकर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली वार्ता रक्षा समझौतों की दिशा तय करेगी।

एक दूसरे के सैन्य अड्डों का कर सकेंगे इस्‍तेमाल

भारत और जापान ने जुलाई, 2021 से ही एक्विजिशन और क्रास सर्विसिंग एग्रीमेंट (एसीएसए) लागू किया है जिसके बाद दोनों देशों के सैन्य बल एक दूसरे की ज्यादा व्यापक स्तर पर मदद कर सकेंगे। दोनों तरफ की सेनाएं एक दूसरे के सैन्य अड्डों का भी इस्तेमाल कर सकेंगी। अब दोनों देशों के बीच यह बातचीत हो रही है कि किस तरह से एसीएसए को जमीनी स्तर पर लागू करना है।

मानवरहित सैन्य वाहनों पर फोकस

सूत्रों का कहना है कि भारत और जापान के बीच अत्याधुनिक तकनीक के सैन्य इस्तेमाल से जुड़े क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हो रही है। मानवरहित सैन्य वाहनों और रोबोटिक्स के क्षेत्र पर खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही भारत, जापान का अमेरिका और ब्रिटेन की तरह ही एक बड़ा सैन्य सहयोगी देश बन जाएगा। ¨हद प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के बीच लगातार विमर्श हो रहा है।

नीदरलैंड, अर्जेटीना, ब्राजील के समकक्षों से भी बात

प्रेट्र के अनुसार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को नीदरलैंड अर्जेटीना, ब्राजील के अपने समकक्षों से अलग अलग वार्ता की। इस दौरान द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि नीदरलैंड के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री वोपके होएकस्ट्रा के साथ द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत करने, यूरोपियन यूनियन (ईयू) और भारत प्रशांत क्षेत्र को लेकर चर्चा की। जयशंकर ने अर्जेटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो के साथ द्विपक्षीय संबंधों की वर्चुअल समीक्षा की। विदेश मंत्री ने कहा कि ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रेंको के साथ भी बात हुई।


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