Russia UKraine Tension: ताकत की जोर आजमाइश का मैदान बनता यूक्रेन
Russia UKraine Tension यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी से मिली तस्वीरों से रूस की हमले की रणनीति के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि रूस की सेनाएं पूर्व से यूक्रेन को घेर सकती हैं और रूस के कब्जे वाला क्रीमिया उसका रास्ता बन सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका व नाटो देशों के बीच टकराव कम होता नहीं दिख रहा है। रूस इस बात की गारंटी चाहता है कि यूक्रेन कभी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा और न ही अपनी जमीन से उसके मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल होने देगा। फिलहाल इस तरह की गारंटी मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इससे टकराव भी गहराता दिख रहा है।
रूस ने बढ़ा दी है तैनाती : रूस ने यूक्रेन से लगी सीमा पर सैकड़ों टैंक एवं आर्टिलरी की तैनाती कर दी है। शार्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को भी ऐसी जगह तक पहुंचा दिया गया है, जहां से यूक्रेन की सीमा रेंज में आ जाए। फिलहाल अनुमान यह जताया जा रहा है कि किसी भी तरह की हमले की स्थिति चार फरवरी के बाद बन सकती है। उस दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शीतकालीन ओलम्पिक के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने चीन जाएंगे। वहां चीन के राष्ट्रपति शी चिर्नंफग से उनकी मुलाकात होनी है। बेलारूस में सैन्य अभ्यास 20 फरवरी को खत्म होगा। उस समय टकराव बढ़ने की सबसे ज्यादा आशंका जताई जा रही है।
कई मोर्चे से घेर सकता है रूस : यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी से मिली तस्वीरों से रूस की हमले की रणनीति के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि रूस की सेनाएं पूर्व से यूक्रेन को घेर सकती हैं और रूस के कब्जे वाला क्रीमिया उसका रास्ता बन सकता है। क्रीमिया पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था। क्रीमिया के अलावा ट्रांसनिस्ट्रिया में तैनात रूसी सैनिकों की मदद से यूक्रेन के ओडेसा में हवाई हमला किया जा सकता है। बेलारूस के मोर्चे से भी यूक्रेन को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
गैस पाइपलाइन परियोजना पर भी निगाह : रूस इस समय नार्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन पर तेजी से काम कर रहा है। इस पाइपलाइन के शुरू होने से यूक्रेन से गुजरे बिना ही रूस से जर्मनी तक गैस की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इससे रूस इस दबाव से मुक्त हो जाएगा कि किसी तरह के टकराव की स्थिति में यूक्रेन उसकी गैस आपूर्ति को बाधित कर देगा। यूक्रेन इस परियोजना का विरोध भी कर रहा है। फिलहाल इस पाइपलाइन से आपूर्ति का काम शुरू नहीं हुआ है और पश्चिमी देशों ने संकेत दिया है कि किसी तरह का टकराव परियोजना के बाधित होने का कारण बन सकता है।