पाकिस्तान आम चुनाव में 16.7 लाख वोट खारिज, 2013 की तुलना में दोगुने हैं आंकड़े
2013 के चुनाव की तुलना में इस साल के चुनाव के दौरान आइसीटी में खारिज वोटों की संख्या दोगुनी हो गई है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने करीब 16.7 लाख वोटों को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि मतपत्रों में यह स्पष्ट नहीं था कि वे किस पार्टी के पक्ष में थे। वर्ष 2013 के आम चुनाव की तुलना में इस बार 11.7 प्रतिशत अधिक वोट खारिज किए गए हैं।
2013 में 15 लाख वोट खारिज हुए थे। बीते 25 जुलाई को पाकिस्तान में आम चुनाव हुए थे। पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, देश में दस करोड़ से ज्यादा लोग मतदान के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से केवल 51 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उनमें से भी कुछ अपने मताधिकार का प्रयोग करते वक्त एक से अधिक पार्टी के चुनाव चिन्ह पर मुहर लगाने की गलती कर बैठे।
इसके चलते उनका वोट खारिज हो गया। इस बार बलूचिस्तान में अस्पष्ट मतपत्रों की संख्या में 40 प्रतिशत, खैबर पख्तूनख्वा में 30.6 प्रतिशत, सिंध में सात प्रतिशत और पंजाब में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं की 849 सामान्य सीटों पर 25 जुलाई को आम चुनाव हुआ जिसमें 11,855 उम्मीदवार, नेशनल असेंबली की 272 सामान्य सीटों पर 3,459 उम्मीदवार, चार प्रांतीय विधानसभाओं की 577 सामान्य सीटों पर 8,396 उम्मीदवार मैदान में थे। नेशनल असेंबली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित इकाई है, जिसमें कुल 342 सदस्य होते हैं। इनमें से 272 सीधे निर्वाचित किए जाते हैं, जबकि 60 सीट महिलाओं तथा 10 सीट धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।
सिंध के 22 निर्वाचन क्षेत्रों में से 9 पर पीपीपी, 6 पर जीडीए, 4 पर पीटीआई, इरे नी एमक्यूएम और एक पर एमएमए ने अधिकार जमाया। बलूचिस्तान के 16 सीटों में से 6 पर बीएपी, तीन पर पीटीआई, तीन पर एमएमए, एक पर पीएमएल-एन और एक पर पख्तूनख्वाह मिली अवामी पार्टी ने जीत हासिल की।
चुनाव अधिनियम 2017 के सेक्शन 95(5) के तहत जीत में कुल मतदान का 5 फीसद अंतर होने की स्थिति में उम्मीदवार के लिखित आग्रह पर निर्वाचन क्षेत्र के एक या दो पोलिंग स्टेशनों पर रिटर्निंग ऑफिसर दोबारा मतगणना कर सकते हैं।