पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कोरोना वायरस से लड़ने में भारत ने की मदद की पेशकश
पीएम नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखा है। उन्होंने कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर चीन के लोगों के साथ भारत की एकजुटता व्यक्त की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस की गंभीर होती जा रही स्थिति की सूचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मोदी ने चीन में इस वायरस से हुई मौतों पर अपनी संवेदना जताई है, साथ ही भारत की तरफ से हरसंभव मदद की पेशकश भी की है। वैसे चीन की तरफ से आधिकारिक तौर पर भारत से कोई मदद नहीं मांगी गई है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही नई दिल्ली से मास्क जैसी कुछ चीजों को बीजिंग भेजा जा सकता है। अगर चीन की तरफ से जरूरत जताई जाती है तो भारत दूसरी मेडिकल मदद करने को लेकर भी गंभीर है।
वुहान से भारतीयों के निकालने में सहयोग के लिए आभार भी जताया
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने चीन में फंसे 647 भारतीयों को स्वदेश लाने में वहां की सरकार व प्रशासन से मिली मदद के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद भी दिया है। दोनों देशों के बीच कोरोना वायरस को लेकर लगातार राजनयिक संपर्क बना हुआ है। भारत दक्षिण एशिया के कुछ दूसरे देशों के साथ भी संपर्क में है। कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के बड़े औद्योगिक शहर वुहान से हुई थी, जो अब भारत समेत लगभग 25 देशों में फैल चुका है। भारत में भी अभी तक इस वायरस से तीन लोगों के प्रभावित होने की पुष्टि हो चुकी है।
दोनों देशों के बीच प्रस्तावित बैठकें स्थगित
पिछले हफ्ते विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला की नई दिल्ली में चीन के राजदूत सून वीडोंग के बीच भी कोरोना वायरस से उपजी स्थिति पर चर्चा हुई थी। इसमें चेन्नई में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात में तय एजेंडे पर खास बातचीत हुई। दोनों पक्षों के बीच यह रजामंदी बनी है कि जब तक कोरोना वायरस को लेकर हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, तब तक सरकारी अधिकारियों व प्रतिनिधियों के बीच होने वाली प्रस्तावित बैठकें स्थगित रहेंगी। वीडोंग ने यह भी कहा था कि चीन में रहने वाले भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका देश भारत के साथ और सहयोग और संवाद को मजबूत करने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से गंभीर होते जा रहे हालात को देखते हुए भारत ने चीन से आने-जाने वाले लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। लोगों को चीन नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। चीन से आने वाले विदेशी नागरिकों को जारी वीजा भी रद कर दिए गए हैं।
अभी भी 80 भारतीय छात्र वुहान में
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया था कि अभी भी 80 भारतीय छात्र वुहान में हैं। इसमें वे दस छात्र भी शामिल हैं जिन्हें बुखार होने के चलते चीनी प्रशासन ने वुहान छोड़ने की अनुमति नहीं दी थी। वहीं 70 अन्य भारतीय छात्रों ने एयर इंडिया के दो विमानों से देश लौटने से इन्कार कर दिया है।
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय दूतावास इन सभी छात्रों के संपर्क में है और उनकी हालात पर नजर बनाए हुए है। देश के 21 एयरपोर्ट और 12 बड़े बंदरगाहों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। सरकार ने बंदरगाहों पर एन95 मास्क रखने और क्वारंटाइन सेंटर बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। चीन से आने वाले विदेशी नागरिकों के वीजा को भी रद कर दिया गया है। पूरे हालात पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी नजर रख रहा है।
दो विदेशियों की हुई मौत
कोरोना वायरस से चीन के वुहान शहर में पहली बार दो विदेशी नागरिकों की मौत हुई है। इनमें अमेरिका की एक महिला और जापान का एक पुरुष शामिल है। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि 60 साल की अमेरिकी महिला की छह फरवरी को वुहान के एक अस्पताल में मौत हो गई।
वुहान में अधिकारियों ने कोरोना वायरस से किसी विदेशी नागरिक की मौत का यह पहला मामला बताया है। हालांकि, वुहान के अस्पताल में जापान के 60 साल के एक नागरिक की भी मौत हुई है। उसे निमोनिया की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में कोरोना वायरस के लक्षण भी उसमें पाए गए थे। जापान के विदेश मंत्रालय ने टोक्यो में इसकी घोषणा की। मंत्रालय ने कहा कि बीमारी की पहचान में मुश्किल के चलते जापानी व्यक्ति की मौत का कारण वायरल निमोनिया बताया गया है।
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 19 विदेशी नागरिकों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। तबीयत में सुधार के बाद इनमें से दो लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इससे पहले पाकिस्तान के चार और ऑस्ट्रेलिया के दो नागरिकों के संक्रमित होने की खबर आई थी।
फ्रांस में पांच ब्रिटिश नागरिक संक्रमित पाए गए
दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। अब तक 27 देश इसकी चपेट में आ गए हैं। पेरिस में फ्रांस की स्वास्थ्य मंत्री एग्नीस बजीन ने बताया था कि आल्प में स्की रिसॉर्ट में ठहरे पांच ब्रिटिश नागरिक भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। ये पांचों सिंगापुर से लौटे एक ब्रिटिश नागरिक के साथ ठहरे थे। इनको मिलाकर फ्रांस में अब तक 11 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। हालांकि, इन पांचों की हालात सामान्य है।
चीन से आने वालों को अलग रख रहा हांगकांग
हांगकांग ने चीन से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से दो हफ्ते के लिए कोरंटाइन करना शुरू कर दिया है। प्रशासन को उम्मीद है कि इस कदम से चीन से हांगकांग आने वाले लोगों में कमी आएगी। इससे कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने में कामयाबी मिलने के साथ ही राशन पानी की कमी से भी नहीं जूझना पड़ेगा। शनिवार को अनिवार्य कोरंटाइन का असर भी दिखा। शुक्रवार को जहां चीन से हांगकांग 96 हजार से ज्यादा लोग आए थे, वहीं शनिवार को यह संख्या मात्र नौ हजार रह गई।
कोरोना वायरस पर अच्छा काम कर रहा चीन : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने में चीन बेहतर काम कर रहा है। इस समस्या से निपटने में अमेरिका भी चीन का साथ दे रहा है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि पिछली रात उनकी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बात हुई थी। चीन कोरोना वायरस से निपटने के लिए बहुत पेशेवर तरीके से कठोर परिश्रम कर रहा है।