PM मोदी का नेपाल दौरा, मंदिर दर्शन तो बहाना है; असल में संबंधों की कड़वाहट को दूर भगाना है!
पीएम मोदी के नेपाल दौरे का आखिरी दिन। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से मिले पीएम मोदी। कल 5 बार मौजूदा पीएम केपी शर्मा ओली से की थी मुलाकात।
काठमांडू (एएनआइ)। नेपाल दौरे के अपने दूसरे और आखिरी दिन की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर दर्शन से की। धार्मिक दौरे के रूप में देखी जा रही पीएम की नेपाल यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। मंदिर दर्शन के अलावा जिस तरह से मोदी नेपाल और भारत के बीच के मधुर और दोस्ताना संबंधों पर बल देते नजर आए, उससे यही उम्मीद जताई जा रही है कि रिश्तों की कड़वाहट फिर से शहद की तरह मीठी हो जाएगी जैसे पहले थी। अपने दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात की।
इसके अलावा वे राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल (आरजेपीएन) के अध्यक्ष महंता ठाकुर और पार्टी के के अन्य सदस्यों से भी मिले।
वहीं, पीएम की नेपाल यात्रा को विदेश सचिव विजय गोखले ने सफल बताया है। उन्होंने कहा, 'यह बैठक बहुत सफल थी। पीएम मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा, पुष्पा कमल दहल प्रचंड और अन्य राजनेताओं से मिले। कल (शुक्रवार) को पीएम मोदी और ओली पांच बार मिले।'
पीएम मोदी ने अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत मंदिर दर्शन से की। मुक्तिनाथ मंदिर के बाद पीएम मोदी काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा की।
पशुपतिनाथ मंदिर की विजिटर्स बुक में पीएम मोदी ने संदेश भी लिखा। उन्होंने कहा कि यह मंदिर भारत और नेपाल के लोगों की साझा धार्मिक विरासत का प्रतीक है।
पीएम मोदी से सुबह सबसे पहले मुक्तिनाथ मंदिर गए और वहां मौजूूद लोगों से भी मुलाकात की। मुक्तिनाथ मंदिर के मुख्य दरवाजे पर जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे, वहां गेट पर खड़ी महिलाओं ने फूलों से उनका स्वागत किया। गेट पर भव्य स्वागत के बाद पीएम मोदी मंदिर के अंदर पहुंचे और विधिवत पूजा की। बता दें कि मोदी मुक्तिनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
मुक्तिनाथ मंदिर का महत्व
पुराणों के मुताबिक मुक्तिनाथ मंदिर का संबंध सृष्टि के आरंभ काल से माना जाता है, जहां विष्णु की पूजा शालिग्राम रूप में होती है। मुक्तिधाम मंदिर हिमालय में 3 हजार 700 मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद है।
पशुपतिनाथ मंदिर का महत्व
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले गए थे। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वापस लाने का प्रयार किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। कहा जाता है इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया था। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहां प्रकट हुए थे।
मोदी के दौरे की खासियत
वैसे तो पीएम मोदी के नेपाल दौरे को धार्मिक यात्रा कहा जा रहा है, लेकिन इसकी खासियत ये है कि ये धार्मिक आस्था की पूर्ति के अलावा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आपसी संबंधों को भी मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को जनकपुर के अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि नेपाल और भारत का रिश्ता वर्षों पुराना है और दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।