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मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह के शपथ समारोह के बाद स्वदेश रवाना हुए पीएम मोदी

पीएम मोदी शनिवार को मालदीव की यात्रा के लिए रवाना हुए। पीएम मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के शपथ समारोह में शामिल होंगे।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 10:02 PM (IST)
मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह के शपथ समारोह के बाद स्वदेश रवाना हुए पीएम  मोदी
मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह के शपथ समारोह के बाद स्वदेश रवाना हुए पीएम मोदी

नई दिल्ली, एएनआइ। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ समारोह में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। मालदीव में भारत के पीएम मोदी के अलावा श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंगे भी मालदीव के राष्ट्रपति समारोह में हिस्सा लेने के लिए वहां मौजूद था। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह की बैठक हुई जिसमें दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने बात चीत की। इस बैठक में मालदीव के राज्य सरकारों के मंत्री भी शामिल थे।

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आपको बता दें कि पीएम मोदी की मालदीव की यह पहली यात्रा है। इससे पहले मोदी ने हाल के चुनाव में सोलिह को उनकी जीत के लिए बधाई दी और उनका कार्यकाल सर्वोत्तम रहने की कामना भी की थी।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया करते हुए लिखा था, ‘मैं श्री सोलिह की नई मालदीव सरकार को उनकी विकास प्राथमिकताओं विशेषकर आधारभूत क्षेत्र, स्वास्थ्य देखभाल, सम्पर्क एवं मानव संसाधन विकास को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की भारत सरकार की मंशा से अवगत कराऊंगा।'

 

खास है पीएम को मालदीव दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव दौरा कई मायनों में खास हो चुका है। बीते कुछ वर्षों में आए उतार-चढ़ाव के बाद दोनों देशों के पास एक बार फिर से रिश्‍तों को मजबूत करने का सुनहरा अवसर आया है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि बीते कुछ वर्षों में पूर्व की सरकार के चलते मालदीव भारत से काफी दूर हो गया था। लेकिन हाल ही में हुए चुनाव के बाद एक बार फिर से वहां पर भारत समर्थक सरकार बनने वाली है, लिहाजा यह पल दोनों ही देशों के लिए काफी खास है।

2014 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार मालदीव जा रहे मोदी की शपथ ग्रहण में मौजूदगी इसका संकेत है कि पिछले वर्षो में दोनों देशों के बीच गड़बड़ हुए संबंध अब सुधार की ओर हैं। पिछले सालों के दौरान चीन की तरफ मालदीव का झुकाव भारत की कुछ प्रमुख चिंता में से एक रहा है। श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को लेकर भी नई दिल्ली और बीजिंग में संबंध तनावपूर्ण बने रहते हैं।


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